कॉमन स्कूल सिस्टम से ही होगा सबका कल्याण : मांझी

बोधगया : आजादी के 70 वर्ष बाद भी शिक्षा को लेकर बनी असमानता को दूर करने के लिए कॉमन स्कूल सिस्टम को लागू करना अनिवार्य है. इससे अमीर व गरीब के बच्चे एक-साथ सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे व अपनी-अपनी मेधा के बल पर आगे बढ़ सकेंगे. इसके बाद देश में किसी तरह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 16, 2019 5:43 AM
बोधगया : आजादी के 70 वर्ष बाद भी शिक्षा को लेकर बनी असमानता को दूर करने के लिए कॉमन स्कूल सिस्टम को लागू करना अनिवार्य है. इससे अमीर व गरीब के बच्चे एक-साथ सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे व अपनी-अपनी मेधा के बल पर आगे बढ़ सकेंगे. इसके बाद देश में किसी तरह के आरक्षण की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और जात-पांत का भेद भी खत्म हो जायेगा.
उक्त बातें मंगलवार को बसाढ़ी गांव स्थित मध्य विद्यालय परिसर में आयोजित स्वतंत्रता सेनानी छठू बाबा की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कही.
उन्होंने कहा कि विकसित देश जैसे जापान, कोरिया व चीन सहित पश्चिम के अन्य देशों में सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना अनिवार्य है. सभी तबके के बच्चे एक साथ शिक्षा ग्रहण करते हैं व आगे चल कर देश प्रेम की भावना के साथ रोजगार करते हैं. उक्त देशों में जात-पांत की भावना बच्चों के बीच नहीं पनपती है.
विकसित देशों में आरक्षण को लेकर कोई झगड़ा नहीं है. पूर्व सीएम ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल की सरकार ने सरकारी स्कूलों को भी निजी स्कूलों की तरह चकाचक व सुविधायुक्त बना दिया है. दिल्ली में सभी लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्यों में ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि गरीब-अमीर व अफसरों के बच्चे भी एक-साथ सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करें.
पूर्व सीएम ने कहा कि चुनाव में कॉमन स्कूल सिस्टम को लागू करने की घोषणा पत्र के साथ जो राजनीतिक पार्टी आपके पास आयेगी, उसे ही चुने. इससे समाज में समानता आयेगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा प्राप्त कर ही सब कुछ हासिल किया जा सकता है.
इस कारण गरीब के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के प्रति संजीदा होना होगा. इस दौरान उन्होंने अपने सीएम रहते हुए किये गये कुछ कार्यों का भी हवाला दिया. पूर्व सीएम ने स्वतंत्रता सेनानी छठू बाबा के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित की व उनके फोटो पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

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