गया : पतंगों की दुकानों पर खरीदारी के लिए बच्चों व युवाओं की जुटी रही भीड़, पतंगबाजों के बीच आज लेगेंगे पेच

नीरज कुमार, गया : मकर संक्रांति पर्व के मौके पर गया के युवाओं व बच्चों के बीच पतंगबाजी को लेकर गजब का जोश है. मकर संक्रांति को सुबह से ही पहाड़, खेल मैदान व छतों से पतंगबाज पेच लड़ाने में व्यस्त रहेंगे और पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाते नजर आयेंगे. पतंगबाजी की तैयारी में जुटे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2019 8:12 AM
नीरज कुमार, गया : मकर संक्रांति पर्व के मौके पर गया के युवाओं व बच्चों के बीच पतंगबाजी को लेकर गजब का जोश है. मकर संक्रांति को सुबह से ही पहाड़, खेल मैदान व छतों से पतंगबाज पेच लड़ाने में व्यस्त रहेंगे और पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाते नजर आयेंगे. पतंगबाजी की तैयारी में जुटे युवाओं व बच्चों ने सोमवार को अपनी पसंद के धागे और पतंगों की बढ़-चढ़ कर खरीदारी की. युवाओं की भीड़ पतंग की दुकानों पर दोपहर से लेकर देर शाम तक बनी रही.
छोटे बच्चे भी अपने अभिभावकों के साथ पतंग की खरीदारी करते हुए देखे गये. यही नहीं अधेड़ उम्र के लोग अपने जमाने में पतंगबाजी के दौरान की कहानियां एक दूसरे से कहते-सुनते देखे गये.
युवाओं का कहना है कि विभिन्न ग्रुप में बंट कर कई मुहल्ले के युवक खेल मैदान व पहाड़ पर चढ़ कर पतंग उड़ाने की योजना बनायी है.
दही चूड़ा खाने के बाद युवक अपने दोस्तों के साथ तय स्थान पर पंतगबाजी के सामान के साथ कूच कर जायेंगे. पतंगबाजी देर शाम तक चलेगी. युवाओं का कहना है कि हवा ने साथ दिया तो इस बार पंतगबाजी के दौरान पेच लड़ाने का मजा रोचक होगा. आसमान में सबसे ऊंचा उड़ाने व एक दूसरे की पतंग काटने की होड़ लगेगी.
दुकानदारों की मानें तो कागज की पतंग दो-पांच रुपये तक और प्लास्टिक की पतंग पांच से 10 रुपये तक इस वर्ष बाजार में बेची जा रही है. वहीं 40 से 150 रुपये तक मांझा (लटई ) बिक रहा है जबकि 20 से लेकर 50 रुपये तक मंझा हुआ धागा प्रति रील बेचा जा रहा है.युवा व बच्चे अपनी क्षमता के अनुसार खरीदारी कर इस बार 15 जनवरी काे हाेने वाले मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी का शौक पूरा करेंगे.
मकर संक्रांति पर बंटे चूड़ा, तिलकुट :गया. मकर संक्रांति के अवसर पर विश्व युवा सेवा संस्थान द्वारा नगर प्रखंड की कुजापी पंचायत के मांझी टोला स्थित सामुदायिक भवन में सोमवार को अंग वस्त्र, चूड़ा व तिलकुट का वितरण किया गया. संस्थान के सदस्यों ने गरीबों के बीच अंग वस्त्र, तिलकुट व चूड़ा का वितरण किया. इस मौके पर विक्रम कुमार, सुशील कुमार, जितेंद्र कुमार, जुगनू यादव, जितेंद्र यादव आदि मौजूद थे.
पतंग उड़ाने के दौरान उत्साह में हाेश न खो दें
एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि अक्सर देखा गया है कि पंतगबाजी के दौरान किसी न किसी के साथ अनहोनी की घटना हो जाती है. खास कर के छत से गिरने या फिर पंतग लूटने के दौरान मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. ऐसे में पंतगबाजों व उनके अभिभावकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. छत पर पतंग उड़ाने के दौरान पूरी सतर्कता बरतें.
यही नहीं चाइनिज धागा का प्रयोग बिल्कुल नहीं करें. शरीर के किसी भी अंग पर चाइनीज धागे के घर्षण से उस स्थान की कटने की पूरी आशंका बनी रहती है. इससे न केवल अपने शहर में बल्कि देश भर कई बड़ी छोटी घटनाएं पूर्व में हो चुकी हैं. कई लोगों के जान पर बन आयी है.
गुजरात में हाेता है अंतरराष्ट्रीय पतंगबाजी महाेत्सव
गुजरात में पतंगबाजी को यहां के लोग महोत्सव के रूप में मनाते हैं. जानकार सुमंत की माने तो इसकी शुरुआत अहमदाबाद में वर्ष 1989 हुआ था. यहां पतंग महोत्सव छह जनवरी से 14 जनवरी तक मनाया जाता है.
इस महोत्सव में विश्व के कई देश के पतंगबाज भाग लेते हैं. इस वर्ष इस अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव में 45 देशों के 145 पतंगबाजों के अलावा देश के दस राज्यों के 200 पतंगबाज व अकेले गुजरात के 545 पतंगबाजों ने इस महोत्सव में हिस्सा लिया है.

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