फिर फजीहत करायेगा बॉटम नाला

गया : बॉटम नाला से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे हैं. नाले के कारण सभी मौसम में बारी रोड व दुर्गाबाड़ी की सड़कों पर नाले का पानी जमा रहता है. बरसात के दिनों में इन दोनों सड़कों से आवागमन लगभग बंद ही हो जाता है. बॉटम नाले पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2018 3:57 AM
गया : बॉटम नाला से अतिक्रमण हटाने को लेकर नगर निगम के अधिकारी गंभीर नहीं दिख रहे हैं. नाले के कारण सभी मौसम में बारी रोड व दुर्गाबाड़ी की सड़कों पर नाले का पानी जमा रहता है. बरसात के दिनों में इन दोनों सड़कों से आवागमन लगभग बंद ही हो जाता है. बॉटम नाले पर जगह-जगह लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है.
इसके कारण मुख्य नाला रमना रोड से पहले ही बंद हो गया है. नाले से अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया, लेकिन अब तक सिर्फ खानापूर्ति ही की गयी है. अतिक्रमण पर पहले हाइकोर्ट ने रोक लगायी लेकिन बाद में इस मामले को ही कोर्ट ने खारिज कर दिया है. समस्या समाधान के नाम पर कुछ दूर तक बारी रोड की सड़कों की ऊंची ढलाई कर दी गयी है, इसके साथ ही बजाजा रोड में नाले का पानी निकालने के लिए लिंक नाला बनाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि समस्या का स्थायी समाधान खोजने की बजाय निगम के अधिकारी समस्या को एक-से-दूसरे मुहल्ले में ट्रांसफर कर रहे हैं. स्थायी समाधान अतिक्रमण हटा कर नाला बनाना ही होगा.
इन पार्षदों के इलाके से गुजरता है बॉटम नाला
मोहम्मद नैयर अहमद पार्षद, वार्ड नंबर 21
निगम से स्थायी समाधान की बजाय अस्थायी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. नाले का पानी निकालने के लिए लिंक नाला बनाया जा रहा है. अगर सक्सेस नहीं हुआ, तो अब लोगों के घरों में पानी पहुंच जायेगा. नाले की सफाई अब तक शुरू नहीं की गयी है. अब तक निकाले जा रहे समाधान में पानी निकालने के लिए मोटर चलाना ही होगा.
कहकशां महजबी, पार्षद, वार्ड नंबर 23
लिंक नाला व बारी रोड की सड़क ऊंची किये जाने के बाद पहले से अधिक फजीहत लोगों को झेलनी होगी. नाला का स्थायी समाधान अतिक्रमण हटा कर नया नाला बनाना ही है. हाइकोर्ट से रोक हटने के बाद भी निगम ने अब तक नाला बनाने के लिए टेंडर नहीं किया है. इसके समाधान में खर्च किये गये लाखों रुपये व्यर्थ ही जायेंगे.
इंदु देवी, पार्षद, वार्ड नंबर 22
कई बार बोर्ड की बैठक व अधिकारियों के पास बात रखने के बाद भी कोई सार्थक पहल नहीं की गयी है. कोर्ट का आदेश हटने के बाद टेंडर कर नाला बनाया जाना चाहिए था. नगर निगम में काम कुछ लोगों के कहने पर ही किया जा रहा है. अब तक नाले का समाधान नहीं निकाला जा सका है. मेयर व अधिकारी को ध्यान देना चाहिए.

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