प्रतिदिन फेंके जा रहे दो से चार ब्लड बैग

दरभंगा : रक्तदान महादान है. इस उद्देश्य से लोग जमकर रक्तदान कर रहे हैं. जागरूकता इसका कारण है. इस उदारता से डीएमसीएच के ब्लड बैंक में ब्लड बैग फूल हो गया है. वहीं ‘बी’ तथा ‘एबी’ पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड लेने वाले मरीज नहीं मिल रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि ‘बी’ और ‘एबी’ पॉजिटिव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 10, 2016 7:37 AM
दरभंगा : रक्तदान महादान है. इस उद्देश्य से लोग जमकर रक्तदान कर रहे हैं. जागरूकता इसका कारण है. इस उदारता से डीएमसीएच के ब्लड बैंक में ब्लड बैग फूल हो गया है. वहीं ‘बी’ तथा ‘एबी’ पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड लेने वाले मरीज नहीं मिल रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि ‘बी’ और ‘एबी’ पॉजिटिव ब्लड एक्सपायर हो रहा है. इस ग्रुप का प्रतिदिन दो से चार ब्लड बैग फेका जा रहा है. परेशानी और बढ़ने लगती है. कई संस्थाओं ने इस माह में रक्तदान करने का निर्धारित कर रखा है. इधर डीएमसीएच प्रशासन इस ग्रुप का ब्लड बैग मुफ्त देने के लिए मरीजों को ढूंढ रहा है. ब्लड बैग के प्रभारी डा. ओपी चौरसिया ने अस्पताल अधीक्षक से लेकर यूनिट इंचार्जों से इस ग्रुप का ब्लड मरीजों के लिए लिखने का आग्रह किया है.
बी एंड एबी ग्रुप ब्लड की संख्या
डीएमसीएच के ब्लड बैंक में 150 ब्लड बैग सुरक्षित है. हरेक दिन पांच से दस ब्लड बैग खपत नहीं होगा तो ऐसे ग्रुप के सभी ब्लड एक्सपायर हो जायेंगे.
एक पखवाड़ा में 50 एक्सपायर
अधिक मात्रा में इस ग्रुप का ब्लड बैग खपत नहीं होने से 20 दिनों में30-50 ब्लड बैग बेकार हो गये हैं. यह क्रम लगातार जारी है.ब्लड बैग की तय सीमा: होल ब्लड बैग का खराब होने की तय सीमा 35 दिन के बाद शुरू हो जाती है. इसके अलावा प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, रेड सेल्स (पीआरबीसी) और क्रायोसिटिपेट का ब्लड खराब होने की सीमा अलग है.
कुल ब्लड की संख्या: ब्लड बैंक में तीन रेफ्रिजरेटर में 400 ब्लड बैग सुरक्षित है. इसमें ‘ओ’, ‘बी’, ‘एबी’ समेत अन्य ग्रुप के ब्लड शामिल है. सभी रेफ्रिजरेटर फुल है.
एचडीएफसी नौ दिसंबर, आइआरसीएस 11 दिसंबर, निरंकारी संत समागम 25 दिसंबर समेत अन्य संस्थान रक्तदान करने का प्रत्र जारी किया है. इसके अलावा जनवरी और फरवरी में भी कई संस्थानों ने रक्तदान करने की मौखिक सूचना दे दी है.प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डाॅ बालेश्वर सागर ने बताया कि ‘ए’ और ‘एबी’ पॉजिटिव ब्लड बैग यहां लेने वालों की संख्या कम हो गयी है. इसके कारण इस ग्रुप के ब्लड बैग की संख्या अधिक हो गयी है.

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