कटहलवाड़ी आरओबी की बनेगी चहारदीवारी

आरपीएफ ने आइओडब्ल्यू को पत्र लिखा डीआरएम के निर्देश पर आइपीएफ ने की पहल सुरक्षा के नजरिये से आरपीएफ ने भेजा आइओडब्ल्यू को प्रस्ताव 15 सितंबर को दरभंगा जंकशन का डीआरएम सुधांशु शर्मा के नेतृत्व में अधिकारियों के दल ने जंकशन का किया था निरीक्षण दरभंगा : दरभंगा जंकशन से सटे उत्तर अवस्थित कटलवाड़ी रोट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 27, 2016 3:03 AM

आरपीएफ ने आइओडब्ल्यू को पत्र लिखा

डीआरएम के निर्देश पर आइपीएफ ने की पहल
सुरक्षा के नजरिये से आरपीएफ ने भेजा आइओडब्ल्यू को प्रस्ताव
15 सितंबर को दरभंगा जंकशन का डीआरएम सुधांशु शर्मा के नेतृत्व में अधिकारियों के दल ने जंकशन का किया था निरीक्षण
दरभंगा : दरभंगा जंकशन से सटे उत्तर अवस्थित कटलवाड़ी रोट ओवर ब्रीच (आरओबी) के नीचे चहारदीवारी का निर्माण होगा. इसके लिए आरपीएफ ने आइओडब्ल्यू को पत्र लिखा है. इसमें वरीय अधिकारी के निर्देश का हवाला दिया गया है. इंस्पेक्टर अजय प्रकाश ने इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया है.
ज्ञातव्य हो कि गत 15 सितंबर को दरभंगा जंकशन का डीआरएम सुधांशु शर्मा के नेतृत्व में अधिकारियों के दल ने जंकशन का निरीक्षण किया था. इस दौरान वाशिंग पिट व यार्ड का भी मुआयना किया था. यार्ड के निरीक्षण के क्रम में पदाधिकारियों ने देखा कि कुछ लोग रेलवे लाइन क्रास कर पूरब से पश्चिम की ओर जा रहे हैं.
पश्चिम दिशा में लोहे के खंभे से बेरिकेट किया हुआ है, बावजूद इसके बीच से होकर लोग आवागमन करते हैं. इसे देख डीआरएम ने तत्काल इसे पूरी तरह बंद करने का निर्देश दिया. मौके पर मौजूद आरपीएफ कमांडेंट वीके पंडित ने इंस्पेक्टर श्री प्रकाश ने इसके लिए पहल करने को कहा. इसी आदेश के आलोक में इंस्पेक्टर ने यह प्रस्ताव भेजा है. हालांकि इस संबंध में पूछने पर श्री प्रकाश ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कटहवाड़ी गुमटी पर ट्रेनों के आवागमन से आमजन की परेशानी तथा उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां आरओबी का निर्माण कराया. इसमें इस पार से उस पार जाने के लिए पुल बना दिया गया, लेकिन आमतौर पर लोग इस पुल का सहारा नहीं लेते. बस नीचे से ही रेलवे पटरी पार कर इस पार से उस पार आते-जाते हैं. इससे जहां यार्ड की सुरक्षा में सेंध लग रही है, वहीं पटरी से होकर गुजरनेवालों की सुरक्षा भी दांव पर लगी रहती है. इसीलिए विभाग ने यह पहल की है. देखना है, विभाग कब तक इस दिशा में काम शुरू करता है.

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