साधारण फ्रिज में रखे जाते हैं टीके

आइएलआर के अभाव में वाइलों की गुणवत्ता खतरे में डीएमसीएच का हाल दरभंगा : डीएमसीएच में टीकाकरण को ले शिशुओं से लेकर पांच साल तक के बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. उधर आइएलआर (आइसलाइंड रेफ्रीजरेटर) के अभाव में वाइलों की गुणवत्ता खतरे में है. वाइलों का कोल्ड चेल मेंटेन नहीं हो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2016 6:43 AM

आइएलआर के अभाव में वाइलों की गुणवत्ता खतरे में

डीएमसीएच का हाल
दरभंगा : डीएमसीएच में टीकाकरण को ले शिशुओं से लेकर पांच साल तक के बच्चों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. उधर आइएलआर (आइसलाइंड रेफ्रीजरेटर) के अभाव में वाइलों की गुणवत्ता खतरे में है. वाइलों का कोल्ड चेल मेंटेन नहीं हो पा रहा है. जीवन रक्षक वाइलों को आइएलआर में रखा जाना है. जबकि उसे साधारण रेफ्रीजरेटर में रखा जा रहा है.
क्या है कोल्ड चेन मेंटेन: बच्चों को नौ जान लेवा रोगों से बचाने के लिए दो से आठ डिग्री तक तापमान की जरुरत पड़ती है. इस तापमान का मेंटेन आइएलआर से ही संभव है.
क्या है सुविधा आइएलआर में: आइएलआर में वैक्सीन रखने का पुख्ता इंतजाम है. हरेक शेल्फ में अलग-अलग तापमान पर अलग वैक्सीन रखने का इंतजाम है. अगर बिजली लगतार 72 घंटे तक भी कटी रहती है तब भी आइएलआर में रखे वाइलों की गुणवत्ता बरकरार रहती है.
रेफ्रीजरेटर से प्रभावित होती गुणवत्ता: वाइलों को रखने के लिए हरएक शेल्फ में अलग-अलग तापमान की व्यवस्था नहीं रहती है. लगतार छह घंटों तक बिजली गुल होने पर रेफ्रीजरेटर में रखे वाइलों की गुणवत्ता समाप्त होने का खतरा है. तापमान मानक से कम या अधिक रहता है तो रखे गये वाइल के जमने का खतरा रहता है.
जीवन रक्षक वाइल : डीएमसीएच ओपीडी के पीएसएम विभाग में रेफ्रीजरेटर में पेंटावेलेंट, डीपीटी, हेपेटाइटिस बी, एचआईबी, टीटी, बूस्टर डीपीटी, आइपीवी, बीसीजी, मिजिल्स और हेपेटाइटिस बी का वाइल रखा जाता है.
कहां-कहां आइएलआर : आइएलआर की व्यवस्था रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, पीएचसी, रिजनल वैक्सीन सेंटर पर है.
नवजात शिशुओं की संख्या : पीएसएम विभाग में प्रतिदिन 40 से 50 नवजात शिशुओं का टीकाकरण किया जाता है. इन बच्चों पर एक माह में 30 से 40 वाइल खपत होता है. सभी वाइलों को दो फ्रीज में रखा जाता है.
आइएलआर की व्यवस्था नहीं : पीएसएम ओपीडी प्रभारी वीणा कुमारी ने बताया कि आइएलआर की व्यवस्था यहां नहीं है. इसके अभाव में वाइलों की गुणवत्ता प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है.

Next Article

Exit mobile version