पूर्वी चंपारण में एनडीए व महागठंबधन में कड़ा मुकाबला, राष्ट्रवाद, विकास व जाति में उलझा चुनाव का गणित

मोतिहारी : बढ़ती गर्मी और मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही शहर से गांव तक राजनीतिक तापमान भी गरम होने लगा है. पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र का गणित राष्ट्रवाद, विकास और जातीय समीकरण में उलझा हुआ है. वैसे कई जगहों पर जातीय समीकरण भी दरकता नजर आ रहा है. यहां 12 मई को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 9, 2019 7:07 AM

मोतिहारी : बढ़ती गर्मी और मतदान की तिथि नजदीक आने के साथ ही शहर से गांव तक राजनीतिक तापमान भी गरम होने लगा है. पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र का गणित राष्ट्रवाद, विकास और जातीय समीकरण में उलझा हुआ है. वैसे कई जगहों पर जातीय समीकरण भी दरकता नजर आ रहा है. यहां 12 मई को मतदान होना है. कुल 22 उम्मीदवार मैदान में हैं.

यहां भाजपा की ओर से 10वीं बार चुनाव लड़ रहे केंद्रीय कृषि सह किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह अब तक पांच बार जीत चुके हैं. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के रालोसपा प्रत्याशी आकाश कुमार सिंह पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं. वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं. दोनों प्रत्याशी अगड़ी जाति से है.

ऐसे में सबकी नजर सहनी, कुशवाहा, यादव व पिछड़ों के बड़े वोट बैंक पर है. एनडीए विकास कार्य और मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रहा है, तो महागठबंधन मोदी सरकार की विफलता व स्थानीय समस्या को मुद्दा बना रहा है. चुनावी लड़ाई में कई गड़े मुर्दे भी उखाड़े जा रहे हैं. वहीं, भाकपा प्रत्याशी प्रभाकर जायसवाल अपने पुराने गढ़ को कब्जा करने के प्रयास में हैं.

चीनी मिल, फसल के भाव से लेकर सिंचाई तक है मुद्दा

पूर्वी चंपारण महात्मा गांधी के सत्याग्रह का प्रयोस्थल रहा है. इस वजह से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी खास पहचान है. यहां मतदाता भी मुखर हैं.

चुनाव की चर्चा छिड़ी नहीं कि चौक-चौराहों पर खड़े लोग गणित समझाने लगते हैं. मोतिहारी से तुरकौलिया-शंकर सरैया के रास्ते में रघुनाथपुर चौक की चाय दुकान पर चुनावी चर्चा चली तो रामभरोस साह बोले- चारों ओर विकास हुआ है. सड़कें खराब थीं जो अब दुरुस्त है. वहीं सुशील सिंह कहते हैं कि गेहूं कटनी अंतिम चरण में है, पर भाव नहीं मिल रहा. सुरेंद्र प्रसाद कहते हैं कि विकास मुद्दा है, लेकिन राष्ट्रवाद भी जेहन में है.

बैरिया तुरकौलिया से शंकर सरैया जानेवाले चौराहा के पास प्रभु राय दूध बांटने जा रहे थे. उनका कहना है कि सड़कें दुरुस्त हुई हैं. लेकिन खेतों में पानी नहीं मिल रहा है. शंकर सरैया बाजार पर मोहमद ओसैद्दीन कहते हैं कि बिजली सुधरी है. लेकिन वहीं खड़े उमेश मिश्र सवाल उठाते हैं- हम अपना गन्ना कहां बेंचे?

मोतिहारी बरियारपुर के सुरेश राम कहते हैं कि गन्ना के लिए गुड़ प्रोसेसिंग प्लांट छोटे स्तर पर कई जगह स्थापित हुए हैं. बरियारपुर चौक पर ही कचहरी जा रहे पीपरा के सुरेश सिंह कहते हैं कि सस्ती सिंचाई के लिए खेतों तक बिजली लगायी जा रही है.

सभाओं का दौर भी चला

2014 के चुनाव में राजद के विनोद श्रीवास्तव दूसरे स्थान पर थे तो जदयू के अवनीश कुमार सिंह तीसरे स्थान पर. इस बार जदयू-भाजपा साथ है तो रालोसपा और हम एनडीए से अलग है. राधामोहन सिंह के पक्ष में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अलावा कई नेता प्रचार में जुटे हैं तो आकाश कुमार के पक्ष में तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा सभाएं कर रहे हैं.

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