मजदूरों की कमी से किसान परेशान, हार्वेस्टर भी बनी शोभा की वस्तु

उदवंतनगर : खेतों में खड़ी फसल को देख यूं तो किसानों का मन गदगद रहता है. लेकिन इस बार फसल कटनी को लेकर संशय बना हुआ है. मजदूरों और हार्वेस्टर की कमी के कारण फसल कटनी प्रभावित हो रही है. जिससे किसान परेशान हैं. आवारा पशु से भी भारी नुकसान है. आमतौर पर हार्वेस्टर मशीन […]

By Prabhat Khabar | April 12, 2020 10:45 PM

उदवंतनगर : खेतों में खड़ी फसल को देख यूं तो किसानों का मन गदगद रहता है. लेकिन इस बार फसल कटनी को लेकर संशय बना हुआ है. मजदूरों और हार्वेस्टर की कमी के कारण फसल कटनी प्रभावित हो रही है. जिससे किसान परेशान हैं. आवारा पशु से भी भारी नुकसान है. आमतौर पर हार्वेस्टर मशीन के चालक और टेक्नीशियन के लिए पंजाब पर निर्भरता है. लेकिन लॉकडाउन के कारण उनका भी आगमन नहीं हो सका है. आगामी 14 अप्रैल तक की लॉकडाउन ने किसानों को सकते में डाल दिया है. खेतों में गेहूं, मसूर, चना, अलसी, सरसों आदि फसल पककर तैयार है. लाचार और बेबस किसानों की जमा पूंजी खेतों में खड़ी है, लेकिन किसान इसे काट नहीं सकते. डर है कहीं करोना का संक्रमण न बढ़ जाये. बिहार से दिल्ली या अन्य प्रदेशों में गये मजदूर फसल काटने के समय लौट आते थे.

लेकिन इस महामारी ने उन्हें वहीं कैद कर रखा है. संक्रमण का डर और फसल कटनी को लेकर बिहारी मजदूरों ने घर वापसी का प्रयास किया, परंतु अन्य प्रदेशों के बॉर्डर पर अधिकतर को क्वारेंटिन कर लिया गया. कुछ जैसे-तैसे भाग कर आये तो होम क्वारेंटिन हो गये. प्रखंड क्षेत्र के भूपौली गांव निवासी किसान श्रीराम सिंह कहते हैं कि कोरोना ने हमारी जिंदगी को रोक दिया है. कसाप निवासी किसान धर्मदेव ठाकुर कहते हैं कि पहले ही बेमौसम बरसात और ओला ने चैती फसल को नष्ट कर दिया है. बचा खुचा कोरोना ले गया. कोहड़ा गांव निवासी किसान सूर्य नारायण ओझा कहते हैं कि कोरोना के कारण मजदूर मिलना मुश्किल हो गया है.

Next Article

Exit mobile version