तालाब और पोखर िनर्माण का नहीं पूरा हुआ लक्ष्य

आरा : दो वर्षों में जिले में लगभग 300 तालाबों का निर्माण करना था, पर अब तक लक्ष्य काफी पीछे है. इस कारण जिलावासियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार की योजना जिले में पूरी तरह फेल हो रही है. भविष्य में पानी की किल्लत की संभावनाओं के मद्देनजर सरकार ने पारंपरिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 23, 2020 6:23 AM

आरा : दो वर्षों में जिले में लगभग 300 तालाबों का निर्माण करना था, पर अब तक लक्ष्य काफी पीछे है. इस कारण जिलावासियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकार की योजना जिले में पूरी तरह फेल हो रही है. भविष्य में पानी की किल्लत की संभावनाओं के मद्देनजर सरकार ने पारंपरिक जलस्रोतों को विकसित करने की योजना को लेकर अभियान चलाया है.

इसके तहत तालाबों, पोखरों, पइन सहित अन्य पानी संग्रहण के पारंपरिक व प्राकृतिक संसाधनों का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है, पर केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का जिले में मां मखौल उड़ रहा है. प्रशासन के चिर-परिचित अंदाज और कार्यशैली के कारण लक्ष्य अभी कोसों दूर है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 100 की जगह महज 34 तालाब ही अपना स्वरूप ले पाये हैं.
वित्तीय वर्ष 2016-17 में लगभग 200 तालाब निर्माण का था लक्ष्य : वित्तीय वर्ष 2016-17 में लगभग 200 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, पर प्रशासन की लेटलतीफी व लालफीताशाही के कारण अब तक 23 तालाबों का ही काम पूरा हो चुका है.
बाकी तालाब अपने निर्माण की पूर्णता के लिए इंतजार कर रहे हैं. अब तक 182 तालाब में काम जारी है. धीमी गति से चलनेवाले निर्माण कार्य के कारण तालाब का जीर्णोद्धार व निर्माण कब पूरा होगा, यह भविष्य के गर्भ में है. स्थिति जो भी हो, पर खामियाजा लाभार्थियों को ही भुगतना पड़ रहा है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में 100 तालाबों का था लक्ष्य : वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 में 100 तालाबों के निर्माण व जीर्णोद्धार का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, पर हालात यह है कि महज 40 तालाबों के निर्माण पर काम चल रहा है. बाकी तालाब अब भी निर्माण की प्रतीक्षा में हैं. इस कारण सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जिले में औंधे मुंह पड़ी है. वहीं, 34 तालाबों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है.
प्रखंडों में अब तक निर्मित तालाबों की संख्या : तालाब निर्माण कार्यक्रम के तहत आरा में 14, जगदीशपुर में दो, कोइलवर में सात, सहार में एक, संदेश में छह, शाहपुर में दो तथा तरारी में दो तालाबों का निर्माण किया गया है. कुल मिलाकर महज 34 तालाब ही अपना स्वरूप ले पाये हैं. यह जिले के लिए काफी सोचनीय विषय है.
रोजगार से वंचित हो रहे मजदूर व मछलीपालक : जिले में तालाबों के निर्माण व जीर्णोद्धार में तेजी नहीं आने से मछलीपालन कर रोजगार के अवसर की प्रतीक्षा कर रहे लोगों, खासकर युवाओं को इसमें काफी निराशा हाथ लग रही है. वहीं, मनरेगा के तहत जिले में मानव सृजन काफी कम हो रहा है.
क्या कहते हैं उप विकास आयुक्त : अभी जिले में पदस्थापित हुए दो माह भी नहीं हुए है. हर कार्य की समीक्षा कर रहे हैं. तालाब निर्माण के कार्य में तेजी लायी जायेगी ताकि सभी को लाभ हो सके.

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