सासाराम-आरा रेलखंड पर दौड़ी पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन

सासाराम /आरा : सासाराम-आरा रेलवे लाइन पर कोयला व डीजल के बाद बुधवार को पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन दौड़ी. अप लाइन की 13249 पटना-भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस को चालक एसएन यादव ने इलेक्ट्रिक इंजन से पटना से बुधवार की सुबह 5.20 में लेकर चले. आरा स्टेशन से खुलने के बाद पीरो, बिक्रमगंज, नोखा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 23, 2019 4:35 AM

सासाराम /आरा : सासाराम-आरा रेलवे लाइन पर कोयला व डीजल के बाद बुधवार को पहली बार इलेक्ट्रिक इंजन के साथ ट्रेन दौड़ी. अप लाइन की 13249 पटना-भभुआ इंटरसिटी एक्सप्रेस को चालक एसएन यादव ने इलेक्ट्रिक इंजन से पटना से बुधवार की सुबह 5.20 में लेकर चले. आरा स्टेशन से खुलने के बाद पीरो, बिक्रमगंज, नोखा के बाद ट्रेन सासाराम पहुंची.

इस दौरान कई जगहों पर ट्रेन का स्वागत किया गया. वहीं, सासाराम में स्टेशन प्रबंधक उमेश पांडेय के नेतृत्व में चालक का माला पहना कर स्वागत किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में यात्री भी मौजूद थे. ट्रेन के चालक ने कहा कि गड़हनी, पीरो, बिक्रमगंज व नोखा में भी उत्सवी माहौल देखने को मिला.
1914 में बिछायी गयी थी नैरो गेज लाइन : 1914 में कोलकाता की कंपनी मार्टिन वन आरा से सासाराम तक नैरो गेज लाइन शुरू की थी. शुरू में इस पर कोयले के इंजन से ट्रेन चलती थी. इसके बाद 1968 से डीजल इंजन से ट्रेन चलने लगी. जिस जमीन पर ट्रैक था उसको लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद मार्टिन कंपनी ने 1978 में रेल परिचालन को बंद कर दिया था.
इसके बाद 2001 में इस पर फिर काम शुरू हुआ. 10 सितंबर, 2005 को सासाराम-आरा रेलखंड पर डेमो ट्रेन चला कर इस रेलखंड का उद्घाटन किया गया. इसके बाद विद्युतीकरण में 14 साल लग गये. 22 मई, 2019 को पहली बार इस रेलखंड पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ा.
थावे-छपरा रेलखंड का विद्युतीकरण जून तक
गोपालगंज. पूर्वोत्तर रेलवे के थावे-छपरा रेलखंड पर अब जून तक विद्युतीकरण का काम पूरा करने का आदेश वाराणसी रेल मंडल ने दिया है. विद्युतीकरण के साथ इस रेलखंड पर दोहरीकरण का भी काम चल रहा है. 107 किमी लंबे इस रूट पर जुलाई से एक्सप्रेस ट्रेनों के चलने की संभावना है.
रेल मंत्रालय ने थावे से खैरा व छपरा कचहरी तक तथा थावे से कप्तानगंज तक कुल 206 किमी विद्युतीकरण के लिए 144.18 करोड़ रुपये आवंटित किये थे. वाराणसी रेल मंडल के पीआरओ अशोक कुमार ने बताया कि प्रशासनिक निगरानी के बीच रेलखंड पर कार्य को तेज किया गया है, ताकि जून तक पूरा कराया जा सके.

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