आरा में भगवा और लाल झंडे के बीच दिलचस्प मुकाबला

अनुज शर्मा भाजपा के राजकुमार सिंह और गठबंधन के राजू यादव मैदान में ठोंक रहे हैं ताल पटना : आरा लोकसभा क्षेत्र कई वजहों से मशहूर है. वीर कुंवर सिंह की इस धरती का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व है. यह सीपीआइ (एमएल) का गढ़ रहा है. समता आंदोलन के नेता बाबू जगजीवन राम का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2019 6:10 AM
अनुज शर्मा
भाजपा के राजकुमार सिंह और गठबंधन के राजू यादव मैदान में ठोंक रहे हैं ताल
पटना : आरा लोकसभा क्षेत्र कई वजहों से मशहूर है. वीर कुंवर सिंह की इस धरती का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व है. यह सीपीआइ (एमएल) का गढ़ रहा है. समता आंदोलन के नेता बाबू जगजीवन राम का घर यहीं है. यहीं उनकी स्कूली शिक्षा भी हुई थी. बाद में वह देश के उपप्रधानमंत्री, रक्षा व कृषि महकमे के मंत्री हुए.
आरा में पहली बार 2014 में कमल खिला. तब भाजपा उम्मीदवार देश के पूर्व केंद्रीय गृह सचिव व रिटायर्ड आइएएस अफसर आरके सिंह यहां से चुनाव जीते थे. आरके सिंह इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर यहां चुनाव मैदान में हैं. उनके खिलाफ सीपीआइएमएल उम्मीदवार राजू यादव मैदान में हैं. महाठबंधन की ताकत की बदौलत वह आरके सिंह को बड़ी चुनौती दे रहे हैं.
आरा स्टेशन से बाहर आते ही पता चल जाता है कि सांसद चाहे तो अपने काम से नाम कमा सकता है. भाजपा को वोट ही क्यों, हमारे सवाल पर दवा करोबारी संजय प्रह्लाद उलटा सवाल करते हैं, महागठबंधन को क्यों? हम चुप. वह बोलने लगते हैं, सांसद तो पहले भी हुए, विकास आरके सिंह की देन है. इशारे से दिखाते हैं- यह स्टेशन गवाह है.
हम माले के कार्यालय पहुंचते हैं. वहां की दीवार पर स्टालिन, काल मार्क्स, लेनिन की तस्वीरों के बगल में पुलिस मुठभेड़ में मारे गये काॅमरेड सुब्रत दत्त जौहर के अलावा नागभूषण पटनायक और विनोद मिश्र की तस्वीरें टंगी हैं.
भाकपा (माले) लिबरेशन के जिला कार्यालय के इस कमरे में भाजपा को हराने की लड़ाई लड़ी जा रही है. धूल से अटी फर्श और अस्त-व्यस्त किताबों के बीच पुरानी कुर्सी पर बैठे कार्यालय सचिव कामरेड अशोक सिंह कहते हैं- आरके अच्छे आदमी हैं. भ्रष्ट नहीं हैं.
राजनीतिक स्वार्थ उनको गलत पार्टी में ले आया है. मोदी की पुरानी वाली लहर भी नहीं है. राजू यादव जीत की तरफ बढ़ रहे हैं. यहां प्रभात खबर पढ़ने में तल्लीन जयप्रकाश दास के लिये देश का सबसे बड़ा संकट राजनीतिक समस्या है. भाजपा और उसे वोट करने वालों के राष्ट्रवाद को वह बनावटी बताते हैं.
2014 का लोकसभा चुनाव परिणाम
राजकुमार सिंह, भाजपा 3,91,074 43.78%
भगवान सिंह कुशवाहा, राजद 2,55,204 28.57 %
राजू यादव, सीपीआइ (एमएल) 98,805 11.06%
मीना सिंह, जदयू 75,962 8.50%
भारत भूषण पांडेय, एबीजेएस 10,950 1.23%
नोटा 14,703 1.65%
जीत का अंतर : 1,35,870 15.21%
कुल वोटिंग 8,93,213 48.96%

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