आरा सीट से 16 बार में 11 बार बाहरी व्यक्ति जीते

जितेंद्र, आरा : आरा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सबसे अधिक बार बाहरी व्यक्ति को ही एमपी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. आरा लोकसभा सीट से 1952 से 2014 तक हुए 16 बार के लोकसभा चुनाव में 11 बार बाहरी लोग एमपी का चुनाव जीते हैं, जिसमें सबसे अधिक छह बार समस्तीपुर जिले के रहनेवाले […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2019 8:04 AM

जितेंद्र, आरा : आरा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सबसे अधिक बार बाहरी व्यक्ति को ही एमपी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. आरा लोकसभा सीट से 1952 से 2014 तक हुए 16 बार के लोकसभा चुनाव में 11 बार बाहरी लोग एमपी का चुनाव जीते हैं, जिसमें सबसे अधिक छह बार समस्तीपुर जिले के रहनेवाले कांग्रेस प्रत्याशी बलिराम भगत चुनाव जीते हैं.

वहीं पटना जिले के रहनेवाले रामलखन सिंह यादव और रामेश्वर प्रसाद एक-एक बार इस सीट से एमपी रहने में कामयाब हुए हैं. जबकि रोहतास जिले के रहनेवाले राम प्रसाद सिंह और कांति सिंह भी यहां से एक-एक बार चुनाव जीते हैं.
सुपौल जिले के रहनेवाले वर्तमान सांसद आरके सिंह भी एक बार चुनाव जीत चुके हैं. इस बार यदि चुनाव जीतने में कामयाब हुए तो आरा से दो बार एमपी बनने की श्रेणी में तीसरे व्यक्ति के रूप में शुमार हो जायेंगे. इस प्रकार से आरा सीट से बाहरी व्यक्तियों का सबसे अधिक बार लोस चुनाव जीतने का ही इतिहास रहा है.
अब तक दो बार के चुनाव में 10 हजार से कम वोटों के अंतर से हुई है जीत : आरा सीट पर 1952 से लेकर 2014 तक हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो बार एमपी चुनाव जीतनेवाले प्रत्याशी का जीत का अंतर सबसे कम रहा है.
दो बार के चुनाव में जीत दर्ज करनेवाले प्रत्याशी 10 हजार से भी कम मतों के अंतर से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. 1967 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बलिराम भगत महज 7227 मतों के अंतर से किसी तरह से आरा सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे. वहीं 1980 के लोकसभा चुनाव में चंद्रदेव प्रसाद वर्मा भी मात्र 8949 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे.
पहले से 16 वें तक किसने कितनी बार मारी बाजी : पहली लोकसभा चुनाव 1952 में प्रारंभ हुआ था. उस समय से 16 वें लोकसभा यानी 2014 के लोकसभा चुनाव में कई ऐसे एमपी रहे हैं जो छह-छह बार इस सीट से जीत दर्ज किये हैं. अब तक जीते एमपी की सूची एक नजर में
आरा से 1952 से अब तक मात्र चार बार एक लाख से अधिक मतों के अंतर से जीते हैं प्रत्याशी
आरा सीट से 1952 से लेकर 2014 के चुनाव में अब तक मात्र चार बार एक लाख से अधिक मतों के अंतर से प्रत्याशी चुनाव जीते हैं, जिसमें वर्तमान सांसद आरके सिंह का नाम भी शामिल है.
वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी रहे बलिराम भगत ने एक लाख 54 हजार 922 मतों के अंतर से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नूर अहमद को शिकस्त दी थी. इसके बाद 1977 के जेपी लहर में जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे चनादेव प्रसाद वर्मा ने कांग्रेस प्रत्याशी बलिराम भगत को 210877 मतों के अंतर से परास्त किया था.
वहीं 2004 के लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी रहीं कांति सिंह ने भाकपा माले प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद को एक लाख 49 हजार 714 मतों के अंतर से चुनाव हराया था. जबकि चौथे प्रत्याशी रहे राज कुमार सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी श्रीभगवान सिंह को भी एक लाख 35 हजार 270 मतों के भारी अंतर से चुनाव जीता था. इस प्रकार 1952 से अब तक मात्र चार बार एक लाख से ऊपर मतों के अंतर से चुनाव जीतने में प्रत्याशी सफल रहे.

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