आरा : नाराज डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवा की ठप, एक महिला व नवजात की मौत

डीएम के गार्डों पर िपटाई करने का आरोप आरा : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति नहीं दर्ज कराने से नाराज डीएम संजीव कुमार ने मंगलवार को डाॅक्टरों को तलब किया. इसके बावजूद जब डीएम के समक्ष संबंधित डाॅक्टर नहीं पहुंचे तो उन्होंने पुलिस भेजकर डाॅक्टरों को उपस्थित करने का निर्देश दिया. आरोप है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 21, 2018 8:06 AM

डीएम के गार्डों पर िपटाई करने का आरोप

आरा : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति नहीं दर्ज कराने से नाराज डीएम संजीव कुमार ने मंगलवार को डाॅक्टरों को तलब किया. इसके बावजूद जब डीएम के समक्ष संबंधित डाॅक्टर नहीं पहुंचे तो उन्होंने पुलिस भेजकर डाॅक्टरों को उपस्थित करने का निर्देश दिया.

आरोप है कि डीएम के आदेश पर पहुंचे पुलिसवालों ने तीन डाॅक्टरों की पिटाई कर दी. इससे नाराज डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सेवाएं पूरी रूप से ठप कर दीं और आवश्यक कार्रवाई होने तक आंदोलन की चेतावनी दी है. स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने के बाद सदर अस्पताल पहुंची एक महिला और नवजात शिशु की इलाज के अभाव में मौत हो गयी. डॉक्टरों की पिटाई के मामले में भासा और आईएमए भी एकजुट हो गये हैं.

दोनों संगठनों का कहना है कि बुधवार को पूरे जिले की स्वास्थ्य सेवा ठप रहेगी और घटना के विरोध में आक्रोश मार्च भी निकालेंगे. बताया जा रहा है कि मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाजिरी बनाने का फरमान डाीएम ने जारी किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं करने पर ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर टीए अंसारी को डीएम कार्यालय बुलाया गया. डॉक्टर का कहना है कि वह मरीज देख रहे थे. इस कारण नहीं जा सके. इसके बाद डीएम ने अपने गार्ड को भेजकर तीन डॉक्टरों को बुलाया और फटकार लगायी. डॉक्टरों का आरोप है कि डीएम के गार्डों ने उनकी पिटाई कर दी.

इस संबंध में डॉक्टरों द्वारा गार्डों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया गया है. घटना के बाद सदर मंगलवार की देर शाम तक अस्पताल में एडीएम, एएसपी, एसडीपीओ, ओएसडी और नगर थानाध्यक्ष पहुंचे हुए थे और डॉक्टरों के साथ वार्ता चल रही थी. डाॅक्टरों का कहना है कि गार्ड की पिटाई से डॉ अरुण कुमार, डॉ नरेश प्रसाद और डॉ टीए अंसारी को काफी चोट आई है.

डॉक्टर जानबूझ कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं दर्ज करा रहे उपस्थिति : डीएम

डीएम संजीव कुमार ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थिति जांच करने का निर्णय पहले लिया जा चुका था. इस संबंध में डाॅक्टरों को निर्देश भी जारी किया गया था. यह मरीजों के हित के लिए किया गया था पर कुछ चिकित्सक जानबूझकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराकर मरीजों के प्रति लापरवाही कर रहे हैं. इसे लेकर कार्रवाई की गयी.

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