विक्रमशिला सेतु के समानांतर सेतु के लिए पथ निर्माण विभाग ने मांगी सरकारी जमीन, रैयती जमीन का होगा भू-अर्जन

गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर बननेवाले फोरलेन पुल और पहुंच पथ के लिए रैयतों को मुआवजे की राशि का भुगतान हो रहा है.

By Prabhat Khabar | January 29, 2021 1:00 PM

भागलपुर. गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर बननेवाले फोरलेन पुल और पहुंच पथ के लिए रैयतों को मुआवजे की राशि का भुगतान हो रहा है.

रैयती भूमि का अर्जन अंतिम प्रक्रिया में है, लेकिन सरकारी जमीन अभी तक पथ निर्माण विभाग को ट्रांसफर नहीं हो पायी है.

विभाग ने सरकारी जमीन की मांग जिला प्रशासन से की है. विभाग को तीन अलग-अलग मौजे की सरकारी जमीन ट्रांसफर की जायेगी.

तीन मौजे की सरकारी जमीन होगी ट्रांसफर

पथ निर्माण विभाग को तीन मौजे की सरकारी जमीन ट्रांसफर की जायेगी. इसमें जगदीशपुर अंचल के बरारी वार्ड नंबर एक में 1.42 एकड़, सबौर अंचल के मक्खुजान मौजे में 10.88 एकड़ और खरीक अंचल के महादेवपुर मौजे में 0.24 एकड़ जमीन का ट्रांसफर होगा. ट्रांसफर के लिए पथ निर्माण के अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) ने डीएम को पत्र भेजा है.

रैयती जमीन का हो रहा भू-अर्जन: जिला प्रशासन विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोर लेन पुल व पहुंच पथ निर्माण के उद्देश्य से भू-अर्जन कर रहा है. समानांतर सेतु व पहुंच पथ बनाने के लिए रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.

खरीक अंचल के महादेवपुर मौजा में 40 एकड़ 36 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण होगा. इस्माइलपुर अंचल के परबत्ता मौजा में 59.5 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण होगा.

21 सितंबर को रखी गयी थी आधारशिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 सितंबर को वीडियो कांफ्रेंस से समानांतर पुल की आधारशिला रखी थी. तब उम्मीद जगी थी कि अब कुछ दिन में ही काम भी शुरू हो जायेगा.

चार माह बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है

958.35 करोड़ से बनेगा पुल: विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल के निर्माण पर 958.35 करोड़ खर्च होगा. टेंडर की प्रक्रिया सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नयी दिल्ली द्वारा अपनायी जा रही है. इधर, भूमि अधिग्रहण का भी कार्य प्रगति पर है.

Posted by Ashish Jha

Next Article

Exit mobile version