छह माह पहले बने सेंटर में पहली बार इलाज के लिए आया 18 किलो का निलसोनिया गंगेटिका कछुआ

दरभंगा वन विभाग ने भागलपुर के बरारी स्थित सुंदर वन परिसर में बने रेस्क्यू सेंटर में इलाज के लिए कछुआ भेजा है. यह सूबे का पहला कछुआ रेस्क्यू सेंटर है. 18.30 किलो वजन के निलसोनिया गंगेटिका नस्ल का यह कछुआ देश के उन्नत नस्ल में एक है.

By Prabhat Khabar | September 7, 2020 12:09 PM

ललित, भागलपुर : दरभंगा वन विभाग ने भागलपुर के बरारी स्थित सुंदर वन परिसर में बने रेस्क्यू सेंटर में इलाज के लिए कछुआ भेजा है. यह सूबे का पहला कछुआ रेस्क्यू सेंटर है. 18.30 किलो वजन के निलसोनिया गंगेटिका नस्ल का यह कछुआ देश के उन्नत नस्ल में एक है. इसे सेंटर में एक नंबर के पाउंड में रखा गया है. पशु चिकिसा पदाधिकारी डॉ संजीत की देखरेख में इसका इलाज चल रहा है. इसकी देखभाल के लिए केयर टेकर भी रखा गया है.

दरभंगा वन विभाग ने इलाज के लिए भेजा

छह माह पहले बने इस सेंटर में पहली बार इलाज के लिए लिए कछुआ को लाया गया है. फिल्टर कर पानी पाउंड में डाला गया है. उसी पानी में कछुआ को रखा गया है. उसके रहने के लिए सूखे जगह में मिट्टी और पुआल का छोटा जैसा घर भी बनाया गया है. मालूम हो कि दरभंगा में तस्कर कछुआ लेेकर जा रहा था. इसकी जानकारी दरभंगा वन विभाग के अधिकारियों को मिली. छापेमारी के दौरान तस्कर कछुअा छोड़ कर फरार हो गये. इसके बाद कछुआ को जब्त कर वन विभाग दरभंगा ने भागलपुर वन प्रमंडल के पदाधिकारी से संपर्क किया और इलाज के लिए रेस्क्यू सेंटर लाया गया. पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद प्राकृतिक जगह पर छोड़ दिया जायेगा.

क्या कहते हैं अधिकारी

भागलपुर वन प्रमंडल के रेंज अधिकारी ब्रज किशोर सिंह ने कहा कि कछुआ के इलाज के लिए डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गयी है. स्वस्थ होने के बाद प्राकृतिक जगह पर छोड़ दिया जायेगा. वहीं भागलपुर वन प्रमंडल के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीत कुमार ने कहा कि निलसोनिया गंगेटिका नस्ल का कछुआ है. दरभंगा वन विभाग ने इसे तस्करों से जब्त किया था. इसका रेस्क्यू सेंटर में इलाज चल रहा है.

posted by ashish jha

Next Article

Exit mobile version