पीपरा मेला: हमसफर तलाश करने जुटेंगे दूल्हा-दुल्हन के परिजन

तीन जिलों से हजारों की संख्या में लोग भागलपुर जिले में लगने वाले पिपरा मेले में जुटते हैं, वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए रिश्ते जोड़ने की तैयारी शुरू हो जाती है.

By Anand Shekhar | April 17, 2024 9:41 PM

शुभंकर, सुलतानगंज. पीपरा मेला में चैती दुर्गा पूजा के दशमी के दिन गुरुवार को वैवाहिक रिश्ते तय होंगे. नये रिश्ते तय करने को लेकर करहरिया पंचायत के पीपरा में चैती दुर्गा पूजा का इंतजार सभी को रहता है. ग्रामीण बताते हैं कि यहां बना रिश्ता अमिट होता है. लगभग एक सौ से अधिक नये रिश्ता तय होंगे. नये रिश्ते के लिए वर व वधू पक्ष के परिजन जुटते हैं. आपसी सहमति से रिश्ते तय किये जाते हैं.

तीन जिले के चार प्रखंडों के हजारों की भीड़ जुटती है. असरगंज, शाहकुंड, सुलतानगंज व शंभूगंज प्रखंड के पीपरा, करहरिया, शरीफा, देशावर, देवधा, पनसल्ला, खानपुर, दौलतपुर, मोहद्दीपुर, बाथ, नयागांव, रसीदपुर, इंग्लिश, पसराहा, हलकराचक आदि कई पंचायत के लोग नये रिश्ते बनाने के लिए पूजा में जुटते है.

एक-दूसरे को जानने व समझने की कोशिश करते हैं

एक-दूसरे को देखकर नये रिश्ते तय किये जाते हैं. रिश्ते तय करने के लिए खास कर कोयरी व कुर्मी जाति के लोगों के परिजन बिहार सहित दूसरे राज्यों से पहुंचते हैं. मेला के दौरान दोनों पक्ष के लोग आपस में एक-दूसरे को जानने व समझने की पूरी कोशिश करते हैं. मां दुर्गा के आशीर्वाद से रिश्ते तय कर सुखी वैवाहिक जीवन बिताते हैं. नये रिश्ते के लिए दहेज की कोई बात नहीं होती है. बताया गया कि नये रिश्ते तय करने के लिए यहां पहुंचे कोई भी लोग आज तक निराश नहीं हुए हैं. इसी मान्यता को लेकर प्रतिवर्ष यहां सैकड़ों नये रिश्ते तय किये जाते हैं. .

हर घर आ जाते हैं मेहमान

मेला को लेकर हर घर मेहमान आते हैं. अध्यक्ष अंजनी कुमार सिंह, सचिव देवेंद्र कुमार, कोषाध्यक्ष करुण कुमार सिंह सहित कई सदस्य व्यवस्था की निगरानी में लगे रहते है. उन्होंने कहा कि मेला के दौरान हर घर में मेहमान पटा रहता है. मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ावा चढ़ाने भक्त पहुंचते है.

ग्रामीण महेश सिंह, आयुष कुमार, अमन कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, धीरज कुमार, अनुरंजन कुमार, भूषण प्रसाद, उमेश कुमार सिंह, जनक लाल सिंह, सिंहेश्वर प्रसाद सिंह आदि ने बताया कि वासंतिक नवरात्र के पहले दिन से दशमी तक भक्तों में आस्था,श्रद्धा व उल्लास रहता है. दशमी को तय हुए रिश्ते टूटते नहीं है. ऐसी परंपरा रही है कि यहां जो भी रिश्ते तय होते है. उसकी शादी अवश्य हो जाती है और सुखी वैवाहिक जीवन निभाते हैं.

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