NH 80: राजमार्ग के निर्माण में कोताही बरतने पर आज हाईकोर्ट में पेश होंगे भागलपुर के कार्यपालक अभियंता

NH 80: राजमार्ग-80 के निर्माण में कोताही बरतने पर आज हाईकोर्ट में भागलपुर के कार्यपालक अभियंता पेश होंगे. लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख को भी तलब किया है

By Prabhat Khabar Print Desk | April 7, 2022 1:25 PM

NH 80: भागलपुर से कहलगांव जानेवाले राष्ट्रीय राजमार्ग-80 के निर्माण में कोताही बरतने के मामले में पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को भागलपुर के कार्यपालक अभियंता आज पेश होंगे. मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट ने लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख के साथ-साथ भागलपुर के कार्यपालक अभियंता को भी तलब किया है.

हाईकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख को भी किया तलब

जानकारी के मुताबिक, भागलपुर से कहलगांव जानेवाली एनएच-80 की सड़क के निर्माण में कोताही बरतने पर नाराज पटना हाइकोर्ट ने पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख और भागलपुर के कार्यपालक अभियंता (एनएच) को सात अप्रैल को तलब किया है.

आज तीन बजे होगी सुनवाई 

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने प्रणव कुमार झा की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है. खंडपीठ ने कहा है कि दोनों अधिकारी गुरुवार को शाम तीन बजे कोर्ट में सुनवाई के समय उपस्थित रहें.

मुख्य न्यायाधीश ने की थी सड़क की दुर्दशा पर टिप्पणी

मालूम हो कि साल 2019 की मई में भागलपुर से कहलगांव जानेवाली एनएच-80 की दुर्दशा छिपाने में लगे प्रशासनिक तंत्र को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने जोर का झटका देते हुए कहलगांव में मंच से इस सड़क की दुर्दशा पर टिप्पणी की थी.

अब एनएच-80 की होगी मॉनीटरिंग

साथ ही कहा था कि अब तो भागलपुर से जजों और अधिवक्ताओं को भी कहलगांव आना पड़ेगा. दो-चार माह में सड़कें भी बन जायेंगी. वैसे भी बिहार के कई राष्ट्रीय उच्च पथ की मॉनीटरिंग की जा रही है. अब एनएच-80 की भी मॉनीटरिंग होगी.

न्यायाधीशों को कहलगांव आने में करना पड़ा मुश्किलों का सामना

एनएच-80 की मॉनीटरिंग करने के पीछे सबसे बड़ा दर्द यह था कि तीन वरीयतम न्यायाधीशों को कहलगांव सड़क और रेल मार्ग से आना पड़ा. करीब आठ घंटे बाद कोई जज सड़क मार्ग से कहलगांव आये, तो किसी को जाम और जर्जर सड़क से बचने के लिए ट्रेन से आना पड़ा था.

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