Bhagalpur news नही ठीक हो सका लीकेज, चार वार्डों में जलापूर्ति बाधित

कहलगांव नप व पीएचईडी की लापरवाही से बुधवार को भी कुलकुलिया के समीप एनएच पर लीकेज पाइप की मरम्म्त नहीं किया जा सका. चार वार्ड के लगभग 25 हजार की आबादी को तीसरे दिन भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा.

By JITENDRA TOMAR | June 5, 2025 2:16 AM

कहलगांव नप व पीएचईडी की लापरवाही से बुधवार को भी कुलकुलिया के समीप एनएच पर लीकेज पाइप की मरम्म्त नहीं किया जा सका. चार वार्ड के लगभग 25 हजार की आबादी को तीसरे दिन भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा. तीन दिनों से वार्ड 13-17 के लोगो को पेयजल के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. इस चार वार्ड में लगभग दो दर्जन चापाकल तो है, लेकिन आधे से ज्यादा चापाकल खराब हो चुके है. पार्षदों ने पीएचइडी के अधिकारियों को कम से कम चापाकल को ठीक कराने का आग्रह किया. उक्त वार्ड के ग्रामीण श्याम कुमार, नीतिश, बद्री मंडल, काजल कुमारी, सोनम कुमारी ने बताया कि हमलोगों को पीने तक का पानी नहीं मिल रहा है, तो रोजमर्रा के जरूरत के लिए पानी कहां से लाये. उक्त मुहल्ले में पढ़ाई के लिए रह रहे छात्रों ने बताया कि हमलोगों को पढाई में पानी नही मिलने से काफी परेशानी हो रही है. एक-दो दिनो में पानी चालू नहीं हो सका, तो हमलोगों को लॉज व मकान छोड़ अपने गांव जाना पड़ सकता है. पीने का पानी तो खरीद कर पी रहे हैं, लेकिन अन्य काम के लिए पानी की दिक्कत है. इस संबंध में पीएचईडी के कनीय अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि बारिश होने से पाइप की मरम्मत नहीं हो सका है. गुरुवार को दोपहर तक जलापूर्ति बहाल कर दी जायेगी.

रेल लाइन किनारे गांव में चलाया जागरूकता अभियान

सुलतानगंज महेशी में आरपीएफ ने जागरूकता अभियान चलाया. आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी इंस्पेक्टर फिरोज अख्तर ने बताया कि मालदा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक यतीश कुमार के मार्गदर्शन में ट्रेनों के संचालन की सुरक्षा एवं समय पालन को सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा हैं. प्रयास के तहत जन-जागरूकता अभियान में मवेशी टकराव संभावित क्षेत्र में जन-जागरूकता कार्यक्रम हुआ. ग्रामीणों के बीच जागरूकता लाया गया. मवेशी टकराव, चेन खींचना, मानव टकराव, पथराव, ट्रैक पर अतिक्रमण, पटरियों पर वस्तुएं रखना, सिग्नल उपकरणों से छेड़छाड़ करना तथा रेल परिसर के आसपास मवेशियों को चराने जैसे खतरनाक व असुरक्षित कार्यों के प्रति लोगो को जागरूक किया गया. अभियान के दौरान मवेशी टकराव की समस्या पर बल दिया गया, जो गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है. ग्रामीणों को समझाया गया कि पटरियों के पास आवारा मवेशियों की उपस्थिति से कितनी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं. उन्हें सुरक्षित एवं उत्तरदायी पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया गया.

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