Bihar election 2020 : भागलपुर में 90 के दशक तक था कांग्रेस का दबदबा

दंगा ने भागलपुर को बदनाम किया तो सिल्क ने पूरे विश्व में एक अलग पहचान दी. वहीं राजनीतिक क्षेत्र में भी भागलपुर की कई हस्तियों ने पूरे देश में परचम लहराया. बिहार में मुख्यमंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक की कुर्सी पर भागलपुर के जनप्रतिनिधि पहुंचे हैं. भागवत झा आजाद मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे तो शिवचंद्र झा व सदानंद सिंह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे.

By Prabhat Khabar | September 17, 2020 5:08 AM

ललित किशोर मिश्र, भागलपुर : दंगा ने भागलपुर को बदनाम किया तो सिल्क ने पूरे विश्व में एक अलग पहचान दी. वहीं राजनीतिक क्षेत्र में भी भागलपुर की कई हस्तियों ने पूरे देश में परचम लहराया. बिहार में मुख्यमंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक की कुर्सी पर भागलपुर के जनप्रतिनिधि पहुंचे हैं. भागवत झा आजाद मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे तो शिवचंद्र झा व सदानंद सिंह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे. इसके अलावा कई विधायक मंत्री भी रहे.वर्तमान में भी भागलपुर से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करनेवाले व चार बार भागलपुर विधायक रह चुके अश्विनी चौबे केंद्र में मंत्री के पद पर हैं.

राजनीति का केंद्र बिंदु था भागलपुर

कहा जाता है कि कभी बिहार की राजनीति का केंद्र बिंदु भागलपुर ही था जब भागवत झा आजाद मुख्यमंत्री हुआ करते थे. भागलपुर से लगभग छह बार कांग्रेस पार्टी की तरफ प्रतिनिधित्व कर चुके भागवत झा आजाद मुख्यमंत्री बने. उसके बाद विधान परिषद से चुने गये. अपने कार्यकाल उनके द्वारा किया गया कार्य आज भी याद किया जाता है. एक समय केंद्र की राजनीति में अपना रुतबा रखने वाले भागवत झा आजाद व गोड्डा निवासी डॉ शिवचंद्र झा की कर्मभूमि भागलपुर ही रही. 1980 से 1985 तक डॉ शिवचंद्र झा ने कांग्रेस पार्टी से भागलपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की. वह बिहार विधानसभा स्पीकर भी बने. यह 90 का दशक था, जब भागलपुर जिले में कांग्रेस का दबदबा था.

अब एक- दो सीट पर सिमट गयी है पार्टी

हालांकि, 90 के दशक के बाद कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन सही नहीं रहा. समाजवादी जनता दल से भागलपुर लोकसभा चुनाव में चुनचुन यादव जीते. उसके बाद भाजपा से प्रभाष चंद्र तिवारी जीते. उसके बाद सीपीआइ से सुबोध राय सांसद बने .वर्तमान में सदानंद सिंह राज्य की राजनीति के हैं जाना-पहचाना नाम. चार बार भागलपुर से विधायक रह चुके अश्विनी चौबे अब बक्सर से सांसद हैं.केंद्र में मंत्री भी हैं. वहीं , कहलगांव विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले सदानंद सिंह विधानसभा अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं. वर्तमान में वे विधायक दल के नेता हैं. नाथनगर विधानसभा सीट का प्रतिनिधत्व करनेवाली सुधा श्रीवास्तव भी पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रह चुकी हैं.

इस बार बदला-बदला दिख रहा है समीकरण

भागलपुर विधानसभा सीट का समीकरण इस बार बदला-बदला दिख रहा है. इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और अजीत शर्मा विधायक हैं. ऐसे में उनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. सबसे अधिक माथापच्ची एनडीए में है.भाजपा, जदयू व लोजपा के कई दावेदार इस बार मैदान में उतरने को बेताब हैं.इनमें अधिकतरयुवा चेहरे हैं. सब अपने-अपने आका के संपर्क में हैं. वैसे, यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है. फिलहाल तो सब कुछ संभावनाओं पर ही टिका है.

भागलपुर की 7 सीटों की वर्तमान स्थिति

भागलपुर : अजीत शर्मा, कांग्रेस

बिहपुर : वर्षा रानी, राजद

गोपालपुर : गोपाल मंडल,जदयू

पीरपैंती : राम विलास पासवान, राजद

कहलगांव : सदानंद सिंह, कांग्रेस

सुल्तानगंज : सुबोध राय, जदयू

नाथनगर : लक्ष्मीकांत मंडल, जदयू

posted by ashish jha

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