Bihar Assembly Election 2020 : भागलपुर विधानसभा में बागियों ने उड़ायी नींद, रोचक हुआ मुकाबला, देखें कैसे बदल रही यहां की राजनीति

Bhagalpur Vidhan sabha Chunav 2020, Bihar Election, भागलपुर (अजीत) : भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के नाम पर असमंजस खत्म हो गया है. सभी दलों ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. जिन्हें मौक मिला है वो अब मैदान में दो-दो हाथ आजमाने को तैयार हैं. पर, उनके सपनों की बगिया में बागियों का प्रवेश हो गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2020 9:14 AM

Bhagalpur Vidhan sabha Chunav 2020, Bihar Election, भागलपुर (अजीत) : भागलपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों के नाम पर असमंजस खत्म हो गया है. सभी दलों ने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. जिन्हें मौक मिला है वो अब मैदान में दो-दो हाथ आजमाने को तैयार हैं. पर, उनके सपनों की बगिया में बागियों का प्रवेश हो गया है.

इससे एनडीए व महागठबंधन प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ गया है. सोमवार का दिन राजनीतिक जानकारों को चौंकानेवाला रहा. विभिन्न दलों से वैसे उम्मीदवार जिनकी टिकट की ओर टकटकी थी, निर्दल बन मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं. उनकी घोषणा से पार्टियों में टूट और भितरघात की आशंका बलवती हो गयी है, तो दूसरी ओर लोजपा ने डिप्टी मेयर राजेश वर्मा को भागलपुर से टिकट देकर मुकाबला को और रोचक कर दिया है.

भाजपा के विजय साह जहां एक बार फिर बागी हो गये हैं, वहीं जदयू के दीपक भुवानियां और कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सैयदशाह अली सज्जाद ने भी ताल ठोक दिया है. बता दें कि पिछले विस चुनाव में भी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले विजय साह ने फिर चुनाव लड़ने की घोषणा की तो जदयू नेता सह पूर्व मेयर दीपू भुवानिया भी मैदान में उतरेंगे.

ऐसे में दोनों बागियों का यह फैसला एनडीए को चिंतित करनेवाला है. इसके साथ ही भाजपा में टिकट की दावेदार रहीं रानी चौबे अब जाप में शामिल हो गयी हैं. जाप से उन्हें सिंबल भी मिल गया है. हालांकि महागठबंधन भी इससे अछूता नहीं रहा. कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सैयदशाह अली सज्जाद भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. शाह अली सज्जाद का निर्णय वर्तमान विधायक सह कांग्रेस प्रत्याशी अजीत शर्मा को परेशान करनेवाला है.

इन बागियों की भीड़ में सबसे चौंकानेवाला फैसला लोजपा का रहा. एनडीए में शामिल भाजपा के प्रत्याशियों के विरोध में लोजपा ने प्रत्याशी नहीं देने का निर्णय लिया था, लेकिन भागलपुर सीट पर लोजपा ने डिप्टी मेयर राजेश वर्मा को सिंबल दे दिया. राजेश के मैदान में आने से अब मुकाबला और भी रोचक होनेवाला है. फिलहाल मान-मनौव्वल का दौड़ भी जारी है. निर्दलीयों के साथ दिख रहे हैं कई विक्षुब्ब्ध. राजनीतिक जानकारों की मानें तो ये सब फैसले कई मोड़ लायेंगे और यह चुनाव और रोचक होगा.

इधर, नाथनगर सीट भी बागियों से अछूता नहीं. पिछला विधान सभा चुनाव निर्दलीय लड़नेवाले आलोक यादव कुछ दिन पहले ही राजद में शामिल हुए थे. वह टिकट के दावेदार थे. लेकिन टिकट अशरफ सिद्दिकी को मिला. अब आलोक बागी हो गये हैं. उन्होंने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर दी है.

पिछले उपचुनाव में राजद व जदयू प्रत्याशी के बीच कड़े मुकाबले में राजद की रबिया कम मतों से हारी थीं. इस हार का कारण राजद के माय समीकरण में सेंधमारी को ही माना जा रहा था. अब आलोक के फिर मैदान में आने से माय समीकरण में दिक्कत की संभावना बलवती हो गयी है.

हालांकि इस बार एनडीए प्रत्याशी की राह भी मुश्किल होगी. जदयू प्रत्याशी के नाम की घोषणा के साथ ही जदयू नेता पप्पू मंडल ने विद्रोह कर दिया है. दोनों गठबंधन में यह दो नाम तो खुल कर सामने आ गये हैं, लेकिन पर्दे के पीछे की हलचल कई रंग ले सकती है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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