मैं अतिपिछड़ी जाति की, इसलिए कोपभाजन की हो रही शिकार

भागलपुर : नगर निगम में एक बार फिर आपसी मतभेद खुल कर सामने आया है. सोमवार को मेयर सीमा साहा ने जिलाधिकारी प्रणव कुमार से मुलाकात कर कचरा डंपिंग के लिए सुरक्षा की मांग की. इस दौरान उन्होंने निगम में खुद को उपेक्षित किये जाने से संबंधित एक ज्ञापन की प्रतिलिपि भी डीएम को सौंपा. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2019 3:01 AM

भागलपुर : नगर निगम में एक बार फिर आपसी मतभेद खुल कर सामने आया है. सोमवार को मेयर सीमा साहा ने जिलाधिकारी प्रणव कुमार से मुलाकात कर कचरा डंपिंग के लिए सुरक्षा की मांग की. इस दौरान उन्होंने निगम में खुद को उपेक्षित किये जाने से संबंधित एक ज्ञापन की प्रतिलिपि भी डीएम को सौंपा. उक्त ज्ञापन मेयर ने नगर आयुक्त को दिया है. उन्हाेंने ज्ञापन में कई बातों का उल्लेख करते हुए कहा है कि सरकार की ओर से अति पिछड़ी समाज से होने के नाते उन्हें मौका दिया गया, लेकिन नगर निगम में उनको बार-बार कोपभाजन का पात्र बनाया जा रहा है.

नगर आयुक्त से सूचना मांगने का है मामला: नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी को मेयर सीमा साहा द्वारा लिखे गये पत्र में कहा गया है कि वह कर्मचारियों से भी जब भी कोई सूचना मांगती हैं, तो वे कहते हैं कि नगर आयुक्त ने सूचना देने से मना कर दिया है. यह भी कहा गया है कि उन्होंने नगर आयुक्त को नौ अक्तूबर को पत्र लिखकर सूचना मांगने और नहीं मिलने से संबंधित शिकायत की थी और कर्मचारियों की बातों से अवगत कराया था, लेकिन अब तक नगर आयुक्त की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
बोली मेयर : सोमवार को जिलाधिकारी से मेयर सीमा साहा ने मुलाकात कर उनसे मामले की शिकायत की. कहा गया कि शहर के विकास व अन्य समस्या संबंधी जानकारी उनके द्वारा मांगी गयी. बार-बार जानकारी मांगने के बावजूद अनसुना कर दिया गया. इससे पहले जब वह मौखिक तौर पर सूचना मांगती थीं, तो भी आश्वासन ही मिला.
निगम में पहले भी होते रहे हैं विवाद : इससे पहले पूर्व नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा के कार्यकाल में भी कर्मचारियों द्वारा कहा जाता था कि उनको सूचना देने से मना कर दिया गया है. इसके बाद जनप्रतिनिधि व नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा के बीच खेमेबाजी शुरू हो गयी थी. लगातार एक वर्ष तक निगम कार्यालय अखाड़ा बना रहा और तू-तू-मैं-मैं का खेल चलता रहा. उस दौरान भी मेयर समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, नगर विकास मंत्री एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक उनकी शिकायत की थी. फिर अचानक उनका तबादला हो गया.

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