मजदूर की बेटी को थाई बॉक्सिंग में कांस्य

भागलपुर : टीएनबी कॉलेज की पार्ट वन की छात्रा वृंदा कुमारी ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित नेशनल थाई बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया है. वृंदा ने यह सफलता 40 किलोग्राम वर्ग में मिली. चंपानगर निवासी शहिंद्र दास की बेटी वृंदा ने थाई बॉक्सिंग की ट्रेनिंग महज एक साल पहले शुरू की थी. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 24, 2018 7:34 AM
भागलपुर : टीएनबी कॉलेज की पार्ट वन की छात्रा वृंदा कुमारी ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित नेशनल थाई बॉक्सिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया है.
वृंदा ने यह सफलता 40 किलोग्राम वर्ग में मिली. चंपानगर निवासी शहिंद्र दास की बेटी वृंदा ने थाई बॉक्सिंग की ट्रेनिंग महज एक साल पहले शुरू की थी. उसके पिता मजदूरी कर किसी तरह परिवार चलाते हैं.
अच्छी ट्रेनिंग और खानपान मिले, तो लाऊंगी गोल्ड
जन्मजात प्रतिभा की धनी वृंदा की राह न तो गरीबी रोक सकी और न ही संसाधनों की कमी. इतना ही नहीं उसके सहयोग के लिए कॉलेज या प्रदेश सरकार से ही कभी कोई सहयोग भी नहीं मिला. वृंदा ने बताया कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए उनकी मां बाॅबी देवी ने किसी तरह 6 हजार जुटाकर दिये. अभाव के बावजूद वृंदा का मनोबल नहीं टूटा. उन्होंने बताया कि अच्छा खानपान और हाइटेक ट्रेनिंग मिले तो वह अगली बार गोल्ड मेडल लायेगी. बता दें कि वृंदा ने घर में बनने वाले सामान्य भोजन दाल-भात खाकर प्रतियोगिता के लिए खूब पसीना बहाया.
गोल्ड मेडलिस्ट हिमा दास से मिली प्रेरणा
वृंदा ने बताया कि, गरीबी से लड़कर एथलेटिक्स में देश के लिए गोल्ड जीतने वाली असम की हिमा दास उनकी प्रेरणा स्त्रोत हैं. वहीं वृंदा के ट्रेनर मनीष कुमार ने बताया कि, थाई बाॅक्सिंग मार्शल आर्ट से जुड़ी विधा है. जिले में करीब 25 बच्चे इस खेल से जुड़े हैं. सभी बच्चे को टीएनबी काॅलेजिएट मैदान में उबड़-खाबड़ व पथरीली जमीन पर प्रैक्टिस करायी जाती है. सरकार से सहायता मिले तो कई गोल्ड मेडल बिहार के खाते में जुड़ेंगे. बच्चों के लिए रोजाना दूध अंडा व एनर्जी डायट की जरूरत है. इन्हें जिम की जरूरत है. लेकिन कोई सुविधा बच्चों को नहीं मिल रही. इतने कम संसाधन में कोई नेशनल लेवल पर मेडल नहीं जीत पाता. लेकिन वृंदा ने एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.

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