रांची एक्सप्रेस बंद, वनांचल में नहीं लगी अतिरिक्त बोगियां

भागलपुर : कल तक वनांचल एक्सप्रेस खाली आती-जाती थी और अब इसमें स्लीपर क्लास की सीटें फुल रहने लगी हैं. ऐसे हालात रांची एक्सप्रेस के बंद रहने से बन गये. सालभर से बंद रांची एक्सप्रेस को दोबारा चलाने की कोई प्लानिंग ही नहीं है. चंद्रपुरा-धनबाद रूट के बंद होने के बाद रांची एक्सप्रेस को बंद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 16, 2018 7:54 AM
भागलपुर : कल तक वनांचल एक्सप्रेस खाली आती-जाती थी और अब इसमें स्लीपर क्लास की सीटें फुल रहने लगी हैं. ऐसे हालात रांची एक्सप्रेस के बंद रहने से बन गये. सालभर से बंद रांची एक्सप्रेस को दोबारा चलाने की कोई प्लानिंग ही नहीं है. चंद्रपुरा-धनबाद रूट के बंद होने के बाद रांची एक्सप्रेस को बंद करने का रेलवे का फैसला यात्रियों पर आज तक भारी पड़ रहा है.
यात्रियों को भागलपुर और रांची के बीच सीधी ट्रेन की सेवा के लिए महज एक ही ट्रेन वनांचल एक्सप्रेस रह गयी है. इस 14 कोच की ट्रेन में यात्रियों की खचाखच भीड़ रहती है. रांची एक्सप्रेस को चलाने की बात तो दूर, अभी तक रेलवे ने वनांचल में अतिरिक्त बोगियां तक नहीं लगायीं हैं. रेलवे वेबसाइट के अनुसार ट्रेन सर्च करने पर रविवार को भागलपुर से जाने वाली वनांचल एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास की सीटें न केवल भरी नजर आयीं, बल्कि टिकट की वेटिंग 53 तक चल रही है. थ्री-एसी में 13 तो टू-एसी में 11 वेटिंग है.
दो ट्रेनों की यात्रियों को लेकर चलती ट्रेन, सुविधाएं नाकाफी
भागलपुर ए-वन श्रेणी का दर्जा प्राप्त स्टेशन है. मालदा डिवीजन का सर्वाधिक राजस्व देने वाला भी यह स्टेशन है. वनांचल एक्सप्रेस राजस्व की कमी को पूरा करता है. मगर, रेलवे ने वनांचल एक्सप्रेस को उपेक्षित कर रखा है. यह ट्रेन वर्तमान में रांची एक्सप्रेस के यात्रियों को भी लेकर चलती है. इस कारण यात्रियों की भीड़ रहती है और सीटें कम पड़ रही हैं, जिससे यात्री सुविधाएं नाकाफी साबित होने लगी है. ट्रेन में सफर के दौरान भी यात्रियों को समस्याओं से जूझना पड़ता है. साथ ही उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता भी रहती है.
किऊल-धनबाद रूट के यात्रियों को नहीं मिल रही सीधी ट्रेन की सुविधा
भागलपुर और रांची के बीच पड़ने वाले स्टेशनों के यात्रियों को सीधी ट्रेन की सुविधा नहीं मिल रही है. रांची एक्सप्रेस जब चलती थी, तो इस रूट के यात्रियों को भी इसमें सफर करने सुविधा मिलती थी. किऊल, धनबाद आदि स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव होता था. पिछले साल भर से यात्रियों को टुकड़ों में यात्रा करनी पड़ रही है.

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