डेेस्क-बेंच नहीं, परीक्षा भवन का नहीं हो रहा उपयोग

भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में करोड़ों की लागत से निर्माण कराये गये परीक्षा भवन का उपयोग नहीं हो रहा है. डेस्क-बेंच की कमी से अबतक भवन में परीक्षा लेने का काम शुरू नहीं किया जा सका है. एसएम कॉलेज में सरकारी योजना से बने परीक्षा भवन उद्घाटन से पहले ही टूटने लगा है. खिड़की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2018 6:50 AM
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में करोड़ों की लागत से निर्माण कराये गये परीक्षा भवन का उपयोग नहीं हो रहा है. डेस्क-बेंच की कमी से अबतक भवन में परीक्षा लेने का काम शुरू नहीं किया जा सका है. एसएम कॉलेज में सरकारी योजना से बने परीक्षा भवन उद्घाटन से पहले ही टूटने लगा है. खिड़की में लगे अधिकतर शीशे टूट चुके हैं.
कमरे में धूल व झोल लगा है. कहीं-कहीं से प्लास्टर भी झड़ने लगे हैं. परीक्षा भवन की क्षमता दो हजार परीक्षार्थियों की है. पीजी न्यू कैंपस स्थित एक करोड़ से अधिक लागत से नवनिर्मित परीक्षा भवन परीक्षा लेने के बजाय कॉपी रखने का गोदाम बनकर रह गया है. यहां 800 से एक हजार छात्रों की बैठने की क्षमता है.
रूसा से राशि मिलने पर खरीदे जायेंगे डेस्क-बेंच : एसएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ अर्चना ठाकुर ने बताया कि परीक्षा भवन के डेस्क-बेंच की खरीदारी जल्द की जायेगी. रूसा से कॉलेज को राशि मिलने जा रही है. इसे लेकर कॉलेज कमेटी के साथ बैठक कर निर्णय लिये जायेंगे.
सरकार को डेस्क-बेंच के लिए पत्र लिखा गया है : विवि के मुख्य अभियंता मो हुसैन ने बताया कि नवनिर्मित परीक्षा भवन के डेस्क-बेंच के लिए सरकार को पत्र लिखा गया है. सरकार से राशि प्राप्त होने पर परीक्षा भवन में डेस्क-बेंच उपलब्ध करा दिये जायेंगे.
पार्ट थ्री की परीक्षा में नियम-कानून की उड़ी धज्जियां
टीएमबीयू के सबौर कॉलेज में 26 अप्रैल को पार्ट थ्री की आर्ट्स संकाय के जीएस परीक्षा में परीक्षा नियम-कानून का धज्जियां उड़ गयी थी. कॉलेज की क्षमता 800 छात्रों का परीक्षा लेने की थी, लेकिन विवि ने कॉलेज में 1600 छात्रों का सीट बनाया था. ऐसे में नवनिर्मित परीक्षा भवन का उपयोग किया जाता, तो शायद ऐसे हालत सामने नहीं आते. मामला प्रकाश में आने के बाद विवि ने सबौर कॉलेज व एसएसवी कॉलेज बांका में हुई जीएस की परीक्षा रद्द कर दी था. दोबारा उन केंद्रों की परीक्षा ली गयी.

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