बाबा ने कहा था, बेटा यह कुर्सी तेरे लिए लकी है, पर हो गया तबादला, दुखी खनन पदाधिकारी कुर्सी लेकर चले गये जमुई किस्सा कुर्सी का

भागलपुर : खनिज विकास अधिकारी गोपाल साह जितने अपने काम के लिए जाने जाते हैं, उससे ज्यादा चर्चा में अपनी कुर्सी के लिए रहते हैं. ट्रांसफर होने पर वह जहां-जहां जाते हैं, अपनी स्पेशल कुर्सी साथ ले जाते हैं. उनके ऐसा करने का कारण है कि वे अपनी कुर्सी को अपने लिए काफी लक्की मानते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2018 4:43 AM

भागलपुर : खनिज विकास अधिकारी गोपाल साह जितने अपने काम के लिए जाने जाते हैं, उससे ज्यादा चर्चा में अपनी कुर्सी के लिए रहते हैं. ट्रांसफर होने पर वह जहां-जहां जाते हैं, अपनी स्पेशल कुर्सी साथ ले जाते हैं. उनके ऐसा करने का कारण है कि वे अपनी कुर्सी को अपने लिए काफी लक्की मानते हैं. कुर्सी के लिए वे लड़ाई तक कर लेते हैं. खनन कार्यालय में भागलपुर और जमुई के खनिज विकास अधिकारियों के बीच योगादन के दौरान विवाद का कारण कुर्सी ही बनी. जमुई से खनिज विकास अधिकारी घनश्याम झा योगदान देने जब भागलपुर आये, तो उन्हें भागलपुर के खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल साह ने न तो प्रभार दिया और न कुर्सी.

उन्होंने पदभार का स्वत: परित्याग कर कुर्सी साथ लेकर जमुई में योगदान देने चले गये. जब वे प्रतिनियुक्ति पर योगदान देने भागलपुर आये थे, तो भी अपनी लक्की कुर्सी साथ लेकर आये थे. भोजपुर के कार्यालय में जब प्रभारी सहायक निदेशक थे और जून 2017 में स्थानांतरण भागलपुर हुआ था, तो वहां भी कुर्सी को लेकर विवाद हुआ था. वही विवाद यहां भी हुआ और उनकी कुर्सी चर्चा में आयी है.

इधर आये नये पदाधिकारी, न कुर्सी मिला, न प्रभार, दुखी हो खुदखरीदी कुर्सी, अपने ले लिया प्रभार
ऐसे हुआ विवाद
जमुई से योगदान देने जब खनिज विकास पदाधिकारी भागलपुर पहुंचे और उन्होंने कार्यालय वेश्म में यहां के खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल साह काे योगदान से संबंधित पत्र सौंपा, तो उन्हें अपनी कुर्सी छिन जाने का खतरा हुआ. उन्होंने कहा कि आने से पहले पूछे क्यों नहीं? घनश्याम झा का कहना था कि प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में योगदान देने आये हैं. इसके बाद दोनों के बीच तकरार शुरू हो गयी. बात तुम-ताम तक पहुंच गयी. अधिकारियों की लड़ाई को देखने के लिए भीड़ लग गयी. श्री झा ने प्रधान सचिव को फोन किया. पूरी कहानी सुनाई. प्रधान सचिव का श्री साह को फोन आया. इसके बाद श्री साह ने तुरंत पदभार स्वत: परित्याग करने से संबंधित पत्र सौंपा और कुर्सी उठा कर गाड़ी में रखी और निकल गये योगदान देने जमुई. जमुई से आये श्री झा को पूरे दिन न तो चेंबर मिला, न कुर्सी. कर्मचारियों के बीच रहे.
डीएम से आदेश ले काम कर रहा हूं : झा
जमुई से योगदान देने आये घनश्याम झा को जब यहां के खनिज विकास पदाधिकारी गोपाल साह से प्रभार नहीं मिला, तो शुक्रवार को उन्होंने खुद से चार्ज लिया. इससे पहले वह तकरीब 11 बजे ऑफिस पहुंचे और यहां से जिलाधिकारी से मिलने गये. जिलाधिकारी से परमिशन लेकर लाैटे और नयी कुर्सी मंगायी. इसके बाद स्वत: प्रभार लेकर विभागीय कामकाज शुरू किया.
पहले के खनिज विकास पदाधिकारी ने प्रभार नहीं सौंपा. वे पदभार स्वत: त्याग कर चले गये. खुद से प्रभार लिया है. इससे पहले जिलाधिकारी से मिल कर परमिशन लिया है, तो ही विभागीय कामकाज कर पा रहे हैं.
घनश्याम झा, खनिज विकास पदाधिकारी, भागलपुर

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