किसानों को आकर्षित कर रहा मंजर की खुशबू, आम में मंजर देख अच्छी उपज की उम्मीद
बसंती बयार में डूबे लोगों को अब आम के पेड़ पर लगे मंजर की खुशबू भी आकर्षित करने लगे है.
हरनाटांड़. बसंती बयार में डूबे लोगों को अब आम के पेड़ पर लगे मंजर की खुशबू भी आकर्षित करने लगे है. मौसम भी साथ दे रहा है और आम के पेड़ों पर अब मंजर भी लग चुके तथा लगना शुरू हो गये हैं. मौसम अनुकूल होने और मंजर से ढंकी पत्तियों को देखकर इस बार आम की व्यापक पैमाने पर उपज होने की उम्मीद भी दिखने लगी है. लेकिन पेड़ों पर लगे मंजर गिरने से बच सके इसकी तरफ अभी से ध्यान देना होगा. कृषि विज्ञान के वरीय वैज्ञानिक सह प्रबंधक नरकटियागंज के डॉ. आरपी सिंह बताते है कि आम के फूल और फल कई अवस्थाओं में गिरते रहते हैं. जिससे पेड़ों पर मंजरों की तुलना में फल बहुत कम मात्रा में लगते हैं. अधिकांश फूल खिलते ही गिर जाते हैं और फल नहीं बन पाते. उन्होंने बताया कि बहुत से फूल परागण से वंचित रह जाते हैं और वे झड़ जाते हैं. परागण के बाद जो फल बनते हैं उनमें से भी बहुत से फल गिर जाते हैं. लेकिन किसान मंजर लगने के साथ ही इस पर ध्यान दें तो फूल और फलों का गिरना काफी हद तक रोककर वे आम की अच्छी उपज कर सकते है.
तीन अवस्था में गिरते हैं फल
प्रखंड बगहा बगहा दो के कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आम के फलों के गिरने की मुख्यत: तीन अवस्थाएं होती हैं. पहला फलों का बहुत छोटी अवस्था में गिरना, दूसरा पूर्ण फल बनने के बाद गिरना और तीसरी अवस्था होती है अप्रैल व मई माह में फलों का गिरना. फलों के गिरने के कई कारण हैं.
अगर किसान समय रहते ध्यान दें तो फलों के गिरने को काफी हद तक रोक सकते है. कृषि पदाधिकारी ने बताया कि फल बनने के बाद बगीचे की सिंचाई कर देनी के चाहिए. इससे काफी हद तक छोटे फलों का गिरना रुक जाता है. इसके साथ ही फलों के गिरने से रोकने के लिए 20 पीपीएम नेफ्थलीन एसिटिक एसिड या 1 मिली प्लेनोफिक्स एक गैलन में घोल कर आम के मटर के दाने की अवस्था में होने पर छिड़काव करना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसमें टीपाल स्टीकर मिलाना लाभप्रद होता है.
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