अपने मूल स्वरूप के साथ पर्यटन पार्क बने राज ड्योढी परिसर: गरिमा
महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने राजस्व पर्षद बिहार के अध्यक्ष को पत्र लिखकर बेतिया नगर निगम की निविदा को पुनः जारी करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.
बेतिया. महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने राजस्व पर्षद बिहार के अध्यक्ष को पत्र लिखकर बेतिया नगर निगम की निविदा को पुनः जारी करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है. अपने उक्त पत्र में महापौर ने कहा है कि मैं बेतिया राज कालीन धरोहरों को बाद की पीढ़ी के लिए सुरक्षित और संरक्षित बनाए रखने के प्रति मैं सदा से समर्पित रही हूं. इसको लेकर प्रस्तुत मेरे प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए श्रीमान के स्तर से स्वीकृतादेश जारी होने के बाद नगर निगम द्वारा निविदा जारी करते हुए ऐतिहासिक राज कचहरी परिसर के सौंदर्यीकरण के साथ राज ड्योढी के सामने बेतिया राज के अंतिम राजा महाराजा हरेंद्र किशोर और महारानी जानकी कुंवर की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने के साथ पर्यटकीय महत्ता बढ़ाने के लिए रंगीन फव्वारा लाइटिंग लगाने के साथ राज कालीन धरोहरों यथा सातों प्रवेश द्वार, दोनों तोप और फांसी के कुएं की पूर्ववर्ती स्वरूप में पुनःस्थापना के साथ चंद्रशेखर आजाद जी की मूर्ति का सौंदर्यीकरण करते हुए पूरे राज ड्योढी परिसर को एक आकर्षक पर्यटन-पार्क के रूप में विकसित करने की उनकी महत्वाकांक्षी योजना को नगर निगम बोर्ड ने पारित कर दिया है. इसका उल्लेख करते हुए महापौर श्रीमती सिकारिया ने बताया है कि राजस्व पर्षद बिहार के आदेश के आलोक में संबंधित करीब पौने दो करोड़ की दोनों निविदाओं को स्थगित कर दिया गया है. इसको लेकर पूरे नगर निगम क्षेत्र के साथ संपूर्ण चंपारण में क्षोभ की स्थिति है. क्योंकि मरम्मती और संरक्षण के अभाव में दोनों तोप, फांसी घर क्षतिग्रत हो गए हैं. अब राज ड्योढ़ी के चारो छोर पर बने सातों आकर्षक प्रवेश द्वार ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं. जिनका पुरातात्विक महत्व वाले तत्कालीन वास्तुकला के स्वरूप संरक्षा तत्काल किया जाना बेहद जरूरी है. इसकी जानकारी देते हुए महापौर श्रीमती सिकारिया नगर निगम से जारी निविदा रद्द करने के आदेश को वापस लेने पर विचार करने की कृपा करते हुए उक्त निविदा की दोबारा आदेश जारी करने का अनुरोध किया है.
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