दो परिवारों के चार लोगों की एक साथ निकलीं अर्थियां, तो रो पड़ा रहुआ गांव
बरौनी-कटिहार रेलखंड पर उमेश नगर और साहेबपुरकमाल रेलवे स्टेशन के बीच रहुआ गांव के समीप बुधवार की रात ट्रेन की चपेट में आ जाने से दो परिवारों के चार लोगों की मौत की खबर से पूरा क्षेत्र दहल उठा.
साहेबपुरकमाल. बरौनी-कटिहार रेलखंड पर उमेश नगर और साहेबपुरकमाल रेलवे स्टेशन के बीच रहुआ गांव के समीप बुधवार की रात ट्रेन की चपेट में आ जाने से दो परिवारों के चार लोगों की मौत की खबर से पूरा क्षेत्र दहल उठा. रेल पटरी किनारे चार अलग-अलग जगहों पर बिखरा शव देख परिजन में चीख पुकार मच गया. परिजनों के दहाड़ से पूरा माहौल गमगीन हो गया और सुबह जब घर से एक साथ चार शव निकला तो मार्मिक दृश्य देख ग्रामीणों की आंखे भी नम हो गयी. ग्रामीणों के मुताबिक रहुआ गांव से कुछ दूरी पर रघुनाथपुर में काली पूजा मेला देखने गांव से बहुत लोग गए थे, जिसमें धर्मदेव के साथ उसके परिवार के भी कई महिला एवं बच्चा भी मेला देखने गया था. रात करीब आठ बजे सभी एक साथ रघुनाथपुर रहुआ रोड से रेलवे गुमटी तक पहुंचा और रोड होकर जाने से घर की दूरी अधिक होने की वजह से सभी रेल पटरी के बगल से बना एक परिया रास्ता होकर गुमटी से दक्षिण की ओर बढ़ा.जब घर के सामने पहुंचा तो कुछ लोग पटरी को पार कर गया. लोगों के कहना है कि मदन महतो की पत्नी का साड़ी किसी जंगल में फंस जाने पर वह पटरी के समीप गिर गयी, जिसे उठाने बचाने में जो लोग लगे थे वे सभी बेगूसराय से खगड़िया की ओर तेज गति से जा रही आम्रपाली एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गये और सभी ट्रेन की ठोकर से अलग-अलग जगहों पर फेंका गया और तत्क्षण सभी की मौत हो गयी. जिसमें रहुआ वार्ड संख्या 5 निवासी मदन महतों की 35 वर्षीय पत्नी रीता देवी, 14 वर्षीय पुत्री रोशनी कुमारी,किशुनदेव महतो का 45 वर्षीय पुत्र धर्मदेव महतों और नीतीश महतों की 7 वर्षीय पुत्री आरोही कुमारी शामिल है. ग्रामीणों ने बताया कि धर्मदेव महतों करनाल में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था. छठ पर्व को लेकर बुधवार की सुबह ही घर आया था और शाम में पत्नी, पुत्री और परिवार के अन्य लोगों के साथ मेला देखने गया था. जिसमें पत्नी और पुत्री सुरक्षित बच गया.
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