27 देशों की साइकिल यात्रा कर बेगूसराय पहुंची समीरा खान का हुआ भव्य स्वागत

27 देशों की साइकिल यात्रा करते हुए नेपाल के रास्ते बिहार में प्रसिद्ध साइक्लिस्ट एवं पर्वतारोही समीरा खान बेगूसराय पहुंची.

By MANISH KUMAR | December 16, 2025 9:34 PM

बेगूसराय. 27 देशों की साइकिल यात्रा करते हुए नेपाल के रास्ते बिहार में प्रसिद्ध साइक्लिस्ट एवं पर्वतारोही समीरा खान बेगूसराय पहुंची. इस अवसर पर सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल, काली नगर के परिसर में उनका भव्य स्वागत किया गया. विद्यालय के बच्चों ने उत्साह, सम्मान और गरिमा के साथ उनका अभिनंदन किया. कार्यक्रम के दौरान समीरा खान ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए महिला सशक्तीकरण पर सशक्त संदेश दिया. उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आज की लड़की सक्षम व आत्मविश्वास व कड़ी मेहनत के बल पर दुनिया में अपना परचम लहरा सकती है. इसी आत्मबल के सहारे मैंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर तिरंगा लहराया. इस विशेष अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन अभिषेक कुमार सिंह, प्राचार्या अनिता तलवार, वाइस प्रिंसिपल प्रशांत कुमार, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रिशिका एवं माधुरी ने बच्चों के बीच समीरा खान को शॉल एवं माला पहनाकर सम्मानित किया. अपने संबोधन में चेयरमैन अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि हमें ऐसा कार्य करना चाहिये. जिससे समाज हमसे प्रेरणा ले और सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़े. वहीं विशेष संवाद कार्यक्रम के दौरान समीरा खान ने छात्राओं को आत्ममंथन और आत्मपहचान का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि लड़कियों को सबसे पहले स्वयं का आकलन करना चाहिए और अपनी अलग पहचान बनानी चाहिये. समाज में भेदभाव रहा है, लेकिन लड़का-लड़की में कोई अंतर नहीं होता, हम सभी इंसान ईश्वर की अनमोल कृति हैं. समीरा खान ने यह भी स्पष्ट किया कि जीवन का लक्ष्य केवल विवाह कर घर बसाना नहीं होना चाहिए, बल्कि भीड़ से अलग हटकर कुछ कर दिखाने का जज़्बा होना चाहिये. उन्होंने अपने संघर्षों को साझा करते हुए बताया कि वे एक गरीब परिवार से हैं और जीवन में अनेक कठिनाइयों, तानों और परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन आगे बढ़ने की दृढ़ इच्छा शक्ति ने उन्हें कभी रुकने नहीं दिया. उन्होंने बताया कि कक्षा नौवीं में पढ़ाई के दौरान आर्थिक तंगी के कारण मोबाइल फोन खरीदना संभव नहीं था, इसलिए वे साइकिल से बेकरी में बना केक लाने एवं पहुंचाने का कार्य करती थीं. वही साइकिल उनके जीवन की दिशा बदलने का माध्यम बनीं. आज वे लगभग 27 देशों की यात्रा कर चुकी हैं और बिहार के बेगूसराय, हाजीपुर, भागलपुर और मधुबनी का भ्रमण कर रही हैं.

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