Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि से पहले बिहार के इस जिले में अद्भुत चमत्कार, जिसे देख हर कोई हैरान
Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि से पहले बिहार के बेगूसराय जिले में एक चमत्कारी घटना सामने आई है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया. खेत की खुदाई के दौरान शिवलिंग प्रकट होते ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया. भक्त इसे भोलेनाथ की कृपा मानकर पूजा-अर्चना और दुग्धाभिषेक कर रहे हैं.
Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि से पहले बेगूसराय जिले में एक अनोखी घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है. जिले के परना पंचायत के वार्ड नंबर 9 में खेत की खुदाई के दौरान एक शिवलिंग प्रकट हुआ, जिसे भक्तगण भोलेनाथ का चमत्कार मान रहे हैं. इस चमत्कारी घटना के बाद गांव में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है और श्रद्धालु पूरे भक्तिभाव से पूजा-अर्चना और दुग्धाभिषेक कर रहे हैं.
सांप मारने गए थे ग्रामीण, प्रकट हुआ शिवलिंग
स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव के बाहर जंगल में कई दिनों से एक विशाल काले सांप को देखा जा रहा था, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल था. शनिवार की शाम कुछ युवाओं ने सांप को भगाने के लिए डंडा चलाया तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति गिर पड़े और एक पत्थर से टकरा गए, जिससे उन्हें चोट आ गई. जब ग्रामीणों ने जमीन की खुदाई की तो वहां शिवलिंग प्रकट हो गया.
गांव में भक्तों का तांता, मंदिर बनाने की मांग
शिवलिंग प्रकट होने की खबर इलाकें में आग की तरह फैल गई जिसके बाद गांव में घर-घर से लोग पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े. श्रद्धालुओं ने शिवलिंग के चारों ओर ईंट से घेराबंदी कर दी और लगातार पूजा-पाठ शुरू कर दिया. महिलाएं भी लंबी कतार में लगकर भोलेनाथ की आराधना कर रही हैं.
शिवलिंग के प्रकट होने से पूरा इलाका भक्तिमय माहौल में डूबा
स्थानीय ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से इस स्थान को धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता देने और भव्य मंदिर निर्माण की मांग की है. शिवलिंग के प्रकट होने से पूरा इलाका भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ है और महाशिवरात्रि से पहले यह स्थान एक बड़े आस्था केंद्र के रूप में उभर चुका है.
इस बार महाशिवरात्रि इस दिन मनाया जाएगा
महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, सोमवार को मनाई जाएगी. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का शुभ अवसर माना जाता है. भक्तगण इस दिन उपवास रखते हैं शिवलिंग का जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा से अभिषेक करते हैं और पूरी रात शिव भक्ति में लीन रहते हैं.
