मूसलधार बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत, कई वार्डो में झील जैसा दृश्य
शहर में दो तीन दिनों से प्रतिदिन हो रहे बारिश के कारण जलजमाव से लोग परेशान हैं. नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में वर्षा के दौरान जलजमाव की समस्या लंबे समय से है.
बेगूसराय. शहर में दो तीन दिनों से प्रतिदिन हो रहे बारिश के कारण जलजमाव से लोग परेशान हैं. नगर निगम क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में वर्षा के दौरान जलजमाव की समस्या लंबे समय से है. बर्षा होने के बाद शहर के कई प्रमुख वार्डों में झील बना मोहल्ले का नजारा दिखने को मिल रहा है. शहर में बड़े-छोटे नाले का जाल बिछा हुआ है, परंतु जलनिकासी का आउटलेट नहीं हैं. जलजमाव के कारण शहर के लोगों को काफी फजीहत उठानी पड़ रही है.शहर के लोग लंबे समय से शहर में जलनिकासी स्थाई हल का इंतजार कर रहें हैं. स्थायी हल के लिए जब लगभग 402.41 करोड़ का स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज की योजना बनी तो लोगों को काफी राहत महसूस हो रहा था. योजना को नगर विकास एवं आवास विभाग को स्वीकृति के लिए भेज भी दी गयी. परंतु स्ट्राॅम वाटर ड्रैनेज योजना की फाइल स्वीकृति नहीं मिलने के कारण दो वर्षों से अधिक समय से विभाग में धूल फांक रही है. यदि जिस समय योजना भेजी गयी थी अगर स्वीकृति मिल गयी होती तो लोगों को जलजमाव की समस्याओं से मुक्ति मिल सकती थी. आज जब जलजमाव से लोग परेशान हैं तो शहर के लोग नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार सरकार को कोस रहें हैं. उक्त योजना को आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय -2 के तहत सभी नगर निकायों में जलजमाव से निजात पाने हेतु बनायी गयी थी. इसी योजना के तहत बेगूसराय नगर निगम प्रशासन के द्वारा शहर के सभी 45 वार्डों की वर्षों से हो रहे जल-जमाव से स्थायी मुक्ति के लिए स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज की योजना का प्राक्कलन बनायी गयी थी. जिसे परियोजना निदेशक (असैनिक) बुडको द्वारा शहर में जलजमाव की स्थिति को देखते हुए पूर्व में समर्पित प्राक्कलन को संशोधित करते हुए योजना राशि 402.41 करोड़ का प्राक्कलन तैयार कर वर्ष 2023 में संबंधित सभी विभागों को समर्पित भी कर दी गयी है. परंतु लगभग दो वर्ष पूरे होने को है, परंतु योजना की फाईल स्वीकृति के अभाव में नगर विकास एवं आवास विभाग में ही लटकी पड़ी है. योजना जब बनाई गयी थी तब शहर के लोगों में यह विश्वास जगा था कि अब शीघ्र ही शहर में जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिलेगी. परंतु यह संभव नहीं हो सका. एक बार फिर से शहर के लोग जलजमाव की समस्या झेलने को मजबूर हैं. शहर में तीन स्तर के हो रहे हैं जलजमाव : नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या बहुत पुरानी है. क्षेत्र में जलजमाव की तीन तरह की समस्या है. सबसे बड़ी समस्या है लेयर डाउन वाले क्षेत्रों में बसे नये मोहल्ले में स्थाई जलजमाव की समस्या. दूसरी समस्या है बरसात के दौरान पूर्व से बने नाले के तकनीकी लेबल से निर्माण न हो पाने के कारण जल का धीमा धीमा निकास. बरसात के दौरान नाले के माध्यम से जल की धीमा निकासी के कारण कई मोहल्लों व मुख्य सड़कों पर घंटों जलजमाव की स्थिति बन जाती है. इस दौरान लोग गंदे पानी से होकर गुजरते हैं. तीसरे तरह का जलजमाव कहीं कहीं सडक का लेबल डाउन रहने से वर्षा के दौरान जलजमाव हो रहा है. सदर अस्पताल और कई प्रमुख मार्गों पर वर्षा के दौरान जलजमाव : शहर में तीन दिनों की बारिश ने पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.सदर अस्पताल में भी लगातार जलजमाव हो रहा है, कचहरी चौक जैसे प्रमुख मार्गों पर भी वार्ड जलजमाव से परेशानी उठानी पड़ रही है. तिलक नगर, राजेंद्र नगर, स्टेशन रोड माली टोला, दीपशिखा रोड, विश्वनाथ नगर, काॅलेजिएट स्कूल रोड, लोहिया नगर टावर चौक, पत्रकार राजेंद्र पाठक मार्ग, न्यू चाणक्य नगर, वार्ड नंबर 26 आनंद पुर, बाघी समेत कई अन्य मोहल्लों में वर्षा के दौरान जलजमाव से घंटों झील जैसा नजारा बन गया है.
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