एनसीसी कैंप में 500 कैडेट्स को सिखाया गया अनुशासन व राष्ट्र सेवा का पाठ
बरौनी निपनियां स्थित एनसीसी कैंप में 4 बिहार बटालियन के देखरेख में 10 दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर सीएटीसी सरहवां का शानदार समापन हुआ.
बरौनी. बरौनी निपनियां स्थित एनसीसी कैंप में 4 बिहार बटालियन के देखरेख में 10 दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर सीएटीसी सरहवां का शानदार समापन हुआ. इस शिविर में विभिन्न स्कूल-कॉलेजों के करीब 500 एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया था. समापन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन के बाद कैडेटों ने सतयुग, त्रेता और द्वापर युग की थीम पर आधारित नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. अपना बिहार थीम पर आधारित लोक नृत्य कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण था. कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. वहीं दस दिवसीय कैंप में कैंप में कैडेट्स को सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास और कला के गुर सिखाए गए. कठिन प्रशिक्षण और प्रतियोगिता वाले इस शिविर का मुख्य उद्देश्य कैडेटों को आगामी ए, बी और सी सर्टिफिकेट परीक्षाओं के लिए तैयार करना था. 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप के दौरान एनसीसी कैडेट्स को ड्रिल, फायरिंग, मैप रीडिंग, फील्ड क्राफ्ट और बैटल क्राफ्ट का गहन अभ्यास कराया गया. इस दौरान शारीरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए पोस्टर मेकिंग, वाद-विवाद और क्विज प्रतियोगिता भी आयोजित किया गया. वहीं अलग-अलग समय पर शेड्यूल के अनुसार खेलकूद के क्षेत्र में वॉलीबॉल और बैडमिंटन के मुकाबलों में भी कैडेटों ने अपना दमखम दिखाया. वहीं समापन समारोह को संबोधित करते हुए कैंप कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल विकास मंडल ने कहा कि प्रतियोगिता की भावना से ही कैडेट्स के भीतर टीम वर्क और अनुशासन पैदा होता है. जो भविष्य की सफलता के लिए अनिवार्य है. आप राष्ट्र के भविष्य हैं, आपका हर कदम देश सेवा के लिए समर्पित हो. उन्होंने कैडेटों को आगामी परीक्षाओं के लिए और भी कड़ी तैयारी पर ध्यान देनें को प्रेरित किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूबेदार मेजर शीतल सिंह ने युवाओं को राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया. मंच संचालन एएनओ अमृत कुमार ने किया. वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने में एएनओ लेफ्टिनेंट शबनम भारती, अखिलेश कुमार सिंह, लवली कुमारी, अमृत कुमार, सीटीओ पूनमा कुमारी, सिद्धेश्वर पासवान, प्रान्तो मंडल एवं जीसीआई पुष्पा कुमारी का योगदान रहा.
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