सर्वमंगला आश्रम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनकर श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान मंच से लीला पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा में पूज्य स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हमलोग भाद्र महीना के महाअष्टमी तिथि को मनाते हैं लेकिन आज बड़ा ही सुंदर कथा चल रहा है.
बीहट. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान मंच से लीला पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा में पूज्य स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हमलोग भाद्र महीना के महाअष्टमी तिथि को मनाते हैं लेकिन आज बड़ा ही सुंदर कथा चल रहा है. संयोगवश श्रीमद् भागवत कथा में भी आज कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन आया है. जिसमें कहा गया कि अत्याचारी कंस के अत्याचारों से धरती को बचाने के लिए भगवान विष्णु ने देवकी और वासुदेव के आठवें पुत्र के रूप में मथुरा के कारागार में जन्म दिया. जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गये और वासुदेव, श्री कृष्ण को टोकरी में रखकर उफनती यमुना को पार करके नंदगांव ले गये और नंद के घर उन्हें रख दिया. इस समय यशोदा के यहां कन्या के रूप में योग माया का जन्म हुआ जिसे वसुदेव मथुरा ले गये और कंस को सौंप दिया. वैसे तो श्रीकृष्ण के जन्म की यह कथा पूरे भारत में जन्माष्टमी के रूप में हम लोग मानते ही हैं. नंद गांव में भी धूमधाम से इस उत्सव को मनाया जाता है.वही उत्सव हम लोग इस पुनीत महीना में सिमरिया धाम के इस धरा धाम पर मना रहे हैं. इस सुअवसर पर रविंद्र ब्रह्मचारी के द्वारा मंगल सुहावन भजन गया गया. जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविह्वल हो उठे और प्रेमवश उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे.
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