श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पश्चिम पंचायत के हाथीघर के समीप चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड पड़ी.
वीरपुर. पश्चिम पंचायत के हाथीघर के समीप चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड पड़ी. भागलपुर से आये कथा वाचक रंजन दास जी महाराज एवं वैदेही शरण महाराज ने कथा के माध्यम से वृंदावन,गोकुल से मथुरा पहुंच कर अत्याचारी कंश का वध करना, विस्थापित राजा उग्रसेन जी को पुन:राजगद्दी पर बैठाना ,अपने पिता वासुदेव जी और अपनी माता देवकी को बन्द कारागार से मुक्त कराने की कथा बिस्तर पूर्वक सुनाया. उन्होंनेे कथा के माध्यम से आगे बताया हैकि बड़े भाई वलरामजी और श्रीकृष्ण जी वृन्दान से मथुरा लौटने तक में युवा होए थे.बड़े भाई वलरामजी राजा रेवत की कन्या रेवती शादी किया और भगवान् श्रीकृष्ण ने रुक्मनी जी से शादी किया और आगे किशोरी ने जैसे विष्णु जी ने ही श्रीराम एवं श्रीकृष्ण के रुप अवतार लिए उसी तरह माता के गर्भ से नहीं समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी,पृथ्वी माता से जानकी जी अवतार लिए ये बातें कथा के माध्यम से कही. श्रद्धालुओ ने नौ दिनो तक रंजन दास महाराज एवं वैदेदी शरण जी महाराज की कथा व भजन सुनकर धर्म और ज्ञान की बातें सुनकर भरपुर लाभ उठाया. मौके पर पूर्व विधायक अमिता भूषण, पू्र्व मुखिया पंकज सिंह, रणजीत पंडित, मुश्हरू पंडित, सेवक पंडित, राम प्रताप पंडित, प्रभात कुमार, रामाधार राय, रामचन्द्र चौधरी सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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