जल स्तर में कमी के बाद घाट तक जाने का रास्ता दलदलीयुक्त, व्रतियों को होगी परेशानी

प्रखंड के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा विभिन्न घाट छठव्रतियों के लिए सुरक्षित नहीं है.

By MANISH KUMAR | October 26, 2025 9:50 PM

नावकोठी. प्रखंड के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा विभिन्न घाट छठव्रतियों के लिए सुरक्षित नहीं है.हाल ही बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि हुई थी.जलस्तर में कमी के बाद घाट तक जाने का रास्ता दलदली युक्त है.घाट पर भी बहुत कम क्षेत्र ही पानी से बाहर है.जहाँ छठव्रतियों के जुटने वाले डाला रखने हेतु भी पर्याप्त जगह नहीं है.ऐसी परिस्थिति में वहाँ जुटने वाली भीड़ से अराजकता का माहौल उत्पन्न होगा.नदी के किनारे में जलस्तर काफी है.किनारे में ही चार फीट पानी है.इस स्थिति में पानी में छठव्रतियों को भास्कर की अराधना हेतु निरापद नहीं माना जा सकता है.यो तो स्थानीय स्तर पर घाट बनाने की कवायद की जा रही है पर यह सुरक्षित नहीं माना जा सकता है.पहसारा पश्चिमी पंचायत के शिवाला घाट, श्री कृष्ण मंदिर घाट, स्लूइस गेट घाट, डफरपुर पंचायत के वृंदावन घाट, टेकनपुरा घाट, तथा समसा पंचायत के आद्रा भवन घाट खतरनाक है. वहीं स्लूइस गेट घाट पर ग्रामीणों ने जेसीबी से खुदाई कर कृत्रिम घाट बनाने में जुटे हुए हैं फिर भी यह सुरक्षित नहीं माना जा सकता है.इन घाटों पर आने वाले छठव्रतियों के साथ किसी भी अनहोनी घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.इसके आतिरिक्त महेशवाड़ा शिवाला घाट, रमौली घाट, छठी मइया घाट, डफरपुर घाट, कमलपुर घाट, छतौना घाट, काली मंदिर घाट नावकोठी, हसनपुर बबाजी घाट, इसफा घाट, मनेरपुर घाट संवेदनशील घाट है. इन घाटों पर किनारे पर ही अत्यधिक पानी की गहराई है.यो कहें तो बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बने घाटों पर अत्यधिक सावधान रहने तथा प्रशिक्षित तैराकों की तैनाती अनिवार्य है.

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