भगवान श्रीराम सहित उनके चारों भाइयों को रामकलेवा में परोसे गये 56 प्रकार के व्यंजन
बीहट विश्वनाथ मंदिर के सियरनिवास में सोमवार की रात्रि राम-जानकी विवाह धूमधाम से संपन्न हो गया.
बीहट. बीहट विश्वनाथ मंदिर के सियरनिवास में सोमवार की रात्रि राम-जानकी विवाह धूमधाम से संपन्न हो गया. विवाह के उपरांत मंदिर के प्रांगण में मंगलवार को रामकलेवा के तहत दुल्हा राम समेत उनके चारों भाइयों को सखियों के उलाहना व गालियों की बौछार के बीच ज्योनार कराया गया. ज्योनार के तहत 56 प्रकार के व्यंजन परोसे गये.रामकलेवा के रस्म अदायगी के दौरान मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था.जरा होखे दीहीं फाॅच,कौरा लाल चपाचप की बात कर सखियां जहां एक ओर दुल्हा को रिझाती है,वहीं प्रिय पाहुन रूचि से जैम लियो,अहां क जोग किछु बनल न व्यंजन,सोच विचारी मोर सकुचैय जियो की बात कहकर अपनी दीनता प्रकट करना भी नहीं भूलती है.रामकलेवा के दौरान पीठासीन आचार्य राजकिशोर शरण जी महाराज ने कहा ज्ञान में गर्व होता है, लेकिन प्रेम में सबकुछ कुर्बान किया जा सकता है.मिठास एवं लावण्य से परिपूर्ण मिथिला की धरती पर दुल्हा के रूप में जब परब्रह्म पधारे तो अपना ब्रह्मत्व भूलकर बैठे और सियाजी के हाथ का खिलौना बन बैठे.वहीं मिथिलानी अपने भाग्य पर इठला रही है.एहन ससुरारी दुल्हा कहु कतो पैबे या फिर दाम ए उल्फत चांद चारों मेरे दिल को फंसा लिया जैसे गीतों का गुगुनाना वैष्णव माधुर्य भक्ति की पराकाष्ठा को दिखा रहा था. बुधवार को आंगन में चौथ-चौथारी का विधान के साथ विवाह महोत्सव का समापन होगा. वहीं इस अवसर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
