हड्डी टूटने पर करते हैं रेफर

हाल-बेहाल . दुर्घटना के पीड़ितों के इलाज की नहीं है व्यवस्था सदर अस्पताल बांका में हड्डी रोग का न तो यूनिट है और न ही विशेषज्ञ चिकित्सक ही अस्पताल में कार्यरत है़ं बांका : एक सौ बेड वाले बांका सदर अस्पताल में ऐसे तो कई संसाधन मौजूद है़ं लेकिन इस अस्पताल में अब तक दुर्घटना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2017 5:59 AM

हाल-बेहाल . दुर्घटना के पीड़ितों के इलाज की नहीं है व्यवस्था

सदर अस्पताल बांका में हड्डी रोग का न तो यूनिट है और न ही विशेषज्ञ चिकित्सक ही अस्पताल में कार्यरत है़ं
बांका : एक सौ बेड वाले बांका सदर अस्पताल में ऐसे तो कई संसाधन मौजूद है़ं लेकिन इस अस्पताल में अब तक दुर्घटना के शिकार लोगों का कोई इलाज नहीं हो पा रहा है़ इसके अलावा मेजर व इमरजेंसी मरीजों के लिए इस अस्पताल के पास कोई संसाधन नहीं है़ ऐसे मरीजों को यह अस्पताल सिर्फ रेफर कर एंबुलेंस सुविधा ही उपलब्ध करा पाती है़ मालूम हो कि जिले के करीब 23 लाख लोगों का इस अस्पताल पर भरोसा है लेकिन कई मामले में यह अस्पताल लोगों के इस भरोसे पर खरा उतरने में अभी भी अक्षम है़
सदर अस्पताल में हड्डी रोग से संबंधित न तो कई चिकित्सक है और न ही इसका वार्ड कार्यरत है़ जिसके कारण दुर्घटना आदि के शिकार लोगों का यहां कोई इलाज नहीं हो पा रहा है़. यहां हड्डी रोग की न तो यूनिट है और न ही इनका विशेषज्ञ चिकित्सक ही अस्पताल में कार्यरत है़ प्रतिदिन आधा दर्जन लोग सड़क दुर्घटना व विभिन्न कारणों के हड्डी टूटने के रोगी यह जान कर अस्पताल आते हैं, लेकिन संसाधनों से जूझ रहे यह अस्पताल ऐसे रोगी को सिर्फ रेफर ही करते हैं.
अस्पताल में न तो ट्रामा सेंटर है न ही सीटी स्कैन, व प्लास्टर आदि करने की कोई सुविधा मौजूद है़ अस्पताल में वर्षों पहले से रखी हुई प्लास्टर ऑफ पेरिस भी बेकार हो चुकी है़ अस्पताल प्रबंधन अब तो प्लास्टर ऑफ पेरिस को खरीदना भी बंद कर चुकी है़ सदर अस्पताल ऐसे मरीजों को भागलपुर रेफर कर देती है़ जबकि यहां प्रतिदिन करीब तीन-चार दुर्घटना व हड्डी रोग के मरीज पहुंचते है़ं ऐसे में अब कोई भी दुर्घटना के शिकार लोग इस अस्पताल में आने से परहेज करने लगे है़ं
अस्पताल में नही है ब्लड की सुविधा : सदर अस्पताल में ब्लड स्टोरेज की कोई सुविधा नहीं है़ हलांकि इसका एक यूनिट यहां मौजूद है़ लेकिन ब्लड स्टोरेज करने के लिए अस्पताल को मिला लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हो सका है़ अस्पताल को यह लाइसेंस पूर्व में 9 मार्च 2010 को मिला था़ जिन्हें 8 मार्च 2012 के बाद नवीनीकरण होना था. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इस मामले में मदर अस्पताल मायागंज भागलपुर को नवीनीकरण के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है.
स्वीकृत पद के अनुसार नहीं है चिकित्सक
बांका सदर अस्पताल में स्वीकृत चिकित्सा पदाधिकारी व कर्मचारियों की संख्या 141 है़ जिसमें 83 कर्मी अस्पताल में कार्यरत है़ इन कार्यरत कर्मी में मात्र 3 महिला सहित कुल 13 चिकित्सक ही कार्यरत है़ शेष 60 कर्मचारी अस्पताल के विभिन्न विभागों में अन्य पदों पर कार्यरत है़ स्वीकृत पदों में 17 पद चिकित्सक के एवं 31 अन्य पदों पर कार्यबल नहीं है़
कहते हैं सिविल सर्जन
अस्पताल में चिकित्सक की कमी के कारण कई विभागों के कार्य नहीं हो पा रहे हैं. अॉर्थो व ब्लड स्टोरेज यूनिट भी कार्य नहीं कर पा रही है. हालांकि राज्य सरकार जल्द ही चिकित्सक की नियुक्ति करने जा रही है. चिकित्सक मिलने के साथ ही यह विभाग भी कार्यरत हो जायेगा.
सुधीर कुमार महतो, सिविल सर्जन, बांका

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