धान का बिचड़ा तैयार करने में जुटे किसान अब तक नहीं हो सकी है नहर की मरम्मत

बांका : कृषि प्रधान बांका जिला में किसान धान खेती की तैयारी में जुटने लगे है. अगाद धान की खेती के लिए किसानों के द्वारा खेतों में बिचड़ा गिराने की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है. बिचड़ा के लिए खेतों से खरपतवार निकालने के लिए किसान जुट गये है. लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा अब […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 16, 2018 6:04 AM

बांका : कृषि प्रधान बांका जिला में किसान धान खेती की तैयारी में जुटने लगे है. अगाद धान की खेती के लिए किसानों के द्वारा खेतों में बिचड़ा गिराने की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है. बिचड़ा के लिए खेतों से खरपतवार निकालने के लिए किसान जुट गये है. लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा अब तक यहां कोई तैयारी नहीं दिख रही है. जबकि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर करने के लिए तरह-तरह की योजना को किसानों के बीच ला रही है. ताकि किसान अपनी आमदनी को दोगुनी कर सके.

इसको लेकर कृषि विभाग भी रात दिन एक कर रही है. लेकिन बिना पानी के एक भी फसल होना संभव नहीं है. जिले में करीब छोटा बड़ा एक दर्जन से अधिक डैम है और कई नहर परियोजना भी संचालित है. लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण नहर की स्थिति जीर्ण-शीर्ण बनी हुई है. अधिकतर नहर परियोजना का आउंटलेट टूटा पड़ा हुआ है. नहर से निकलने वाली पानी किसान के खेत में पहुंचने से पहले ही हर साल यत्र-तत्र बरबाद हो जाता है. ऐसे हलात में इस वर्ष भी जिले की खरीक फसल प्रभावित होने के आसार दिख रही है. इसी कड़ी में लक्ष्मीपुर डैम से निकली खिड्डी मेन ब्रांच नहर परियोजना की हालत गंभीर बनी हुई है.

नहर में पानी आते ही विशनपुर गांव हो जाता है पानी-पानी
नहर का बांध क्षतिग्रस्त होने के कारण नहर का पानी सदर प्रखंड क्षेत्र के आसनी विशनपुर गांव सहित कई गांवों में घुस जाता है. विशनवपुर गांव सहित दर्जनों गांवों में पानी-पानी सा नजारा हो जाता है. जिस कारण गांव में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. जानकारी के अनुसार खिड्डी मैन ब्रांच नहर से बांकी शाखा की ओर जाने वाली नहर बांध विगत सालों से टूटा हुआ है. नतीजतन नहर का पानी सीधे गांव में प्रवेश कर जाता है. लेकिन विभाग के द्वारा इस बार भी अब तक कोई पहल नहीं किया गया है. जिससे स्थानीय ग्रामीणों व किसानों में आक्रोश का माहौल है. किसान के द्वारा ग्रामीण नहर बांध की मरम्मत के लिए कई बार आवाज उठाया जा चुका हैं. लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे है.
क्षतिग्रस्त नहर व आउटलेट का विभाग के द्वारा जल्द ही मरम्मती कार्य शुरू करा दिया जायेगा. विभाग की ओर से अधिकारियों की एक टीम के द्वारा क्षतिग्रस्त जगहों को चिह्नित किया जा रहा है. विभाग के पास राशि की कोई कमी नहीं है. समय रहते नहर को दुरुस्त कर लिया जायेगा.
मो शातिर अंसारी, कार्यपालक अभियंता
बहुत पुरानी है खिड्डी मेन ब्रांच नहर
लक्ष्मीपुर डैम से खिड्डी तक जाने वाली नहर का बांध काफी पुराना है. जो कई जगह पर विगत कई सालों से क्षतिग्रस्त है. यह बांध दर्जनों जगह पर टूटा पड़ा हुआ है. कई जगह आउटलेट भी टूटा हुआ है. जिसके कारण नहर में डैम से छोड़ी गयी पानी किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाती है. गत वर्ष भी किसान इसको लेकर खासे परेशान रहे थे. लेकिन कही भी इसकी मुक्कमल मरम्मत नहीं की गयी. इस वर्ष भी अब दो माह के बाद नहर में डैम से पानी छोड़ दी जायेगी.
लेकिन नगर की मरम्मती नहीं होने से पानी किसानों के खेतों तक पहुंचना मुश्किल होगा. नहर का पानी जहां-तहां बहते रहेंगी. बताया जा रहा है कि इस नहर परिजनों से रजौन प्रखंड के भागलपुर सीमा तक खेतों में पानी जाती है. इस नहर परिजनों से करीब 84 मैजा के हजारों एकड़ खेतों की सिंचाई होती है. जो परिजनों किसानों के लिए लाईफ-लाइन है. बावजूद नहर को देखने वाला कोई नहीं है. इससे किसानों की चिंता फिर एक बार बढ़ने लगी है. स्थानीय किसानों का मानना है कि नहर में पानी आने से पूर्व विभाग के द्वारा क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मती नहीं की गयी तो किसानों को इस वर्ष खेती करना मुश्किल होगा.

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