डिजिटल एडुकेशन बच्चों के लिए साबित होगा वरदान : डीपीओ

सीखने की जरूरत है.

By Prabhat Khabar | April 30, 2024 10:05 PM

औरंगाबाद. अंबा के गर्ल्स हाई स्कूल में डिजिटल क्लास रूम की शुरूआत की गयी. उद्घाटन करते हुए डीपीओ दयाशंकर सिंह ने कहा कि आधुनिक जमाने में डिजिटल एडुकेशन बच्चों के लिए वरदान साबित होगा. डिजिटल बोर्ड में बिहार बोर्ड व सीबीएसई तथा आइसीएसइ से लेकर अन्य राज्यो के पाठ्यक्रम का वीडियो,ऑडियो व लेशन प्लान तैयार किया गया है.इससे विद्यालय के बच्चे व शिक्षक दोनो लाभान्वित होगें. पर सीखने की जरूरत है.इसके लिए संबधित विभाग के ट्रेनर द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी.बिहार का यह पहला जिला है, जहां के गर्ल्स हाईस्कूल अंबा में उत्तराखंड के बाद वैल्वोलिन कमिंस के तहत डिजिटल पढाई शुरू की गयी है. इससे एक तरफ बच्चो को क्वॉलिटी एडुकेशन का लाभ मिलेगा. दूसरे तरफ बच्चों को सैद्धांतिक व व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होगा.डिजिटल क्लास रूम का उद्घाटन डीपीओ के साथ-साथ वैल्वोलिन कंपनी के सीएसआर हेड किशन राव ने संयुक्त रूप से किया. अध्यक्षता हेडमास्टर जिल्लुस शमी ने की. वहीं संचालन शिक्षक वेद प्रकाश तिवारी ने किया. हेडमास्टर ने कहा कि डिजिटल पद्धति विद्यार्थियों को अपने गति से सिखने का माहौल देती है.इससे पठन-पाठन सामग्री को विस्तारित कर स्कील डवलपमेंट किया जा सकता है. डिजिटल बोर्ड से पढाई करने के लिए इटंरनेट की जरूरत नहीं सीएसआर हेड ने बताया कि डिजिटल एडुकेशन, स्मार्ट क्लासेज बिल्कुल भिन्न है. डिजिटल बोर्ड पर डिजिटल पेंसिल से शिक्षक बच्चो को समझा सकते हैं. बच्चे ईजीवे में गहराई तक जाकर सीख सकेगें. इसके तहत सिलेबस के अनुरूप प्रश्न पत्र तैयार किया गया है, जिसे हल करने में बच्चो को सुविधा होगी. वहीं यूजर पासवर्ड के माध्यम से लांगिग कर टीचर हल किए गए प्रश्नो को जांचकर मार्किंग कर सकेंगे.इसके लिए बच्चो को अलग से किसी तरह के फी देने के जरूरत नहीं है. वैल्वोलिन कमिंस के तरफ से नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा के छात्राओं के लिए नि:शुल्क व्यव्स्था करायी गयी है. एनजीओ सेंटम फाउंडेशन की मैनेजर आयुषी पांडेय ने बताया कि कंपनी द्वारा फंडिंग कर इसकी पूरी व्यवस्था उनके संस्था द्वारा की गयी है. यह डिजीटल बोर्ड पूरी तरह से ऑफलाइन है. हालांकि, आइडी पासवर्ड के तहत्त बच्चे अडंवायड मोबाइल पर भी पढ़ाई कर सकते है. कवहीं बच्चे इटंरनेट कनेक्ट कर गुगल या यूट्यूब माध्यम से नये-नये चीजों की जानकारी प्राप्त कर सकते है. संबंधित विषय के शिक्षकों को पठन पाठन संचालन करने के लिए अलग-अलग पासवर्ड दिया जायेगा. सारा सिलेबस इसमें अपलोड है. किसी भी वस्तु,स्थान व पाठ्यक्रम का उपयोग महत्व सब कुछ पता किया जा सकेगा. पूर्व एचएम के पहल पर हुई यह व्यवस्था गर्ल्स हाइ स्कूल के निवर्तमान हेडमास्टर कुंदन कुमार के पहल पर यह व्यवस्था हुई है. उन्होंने बताया कि इसके लिए महीनो पूर्व विभाग से संपर्क साधा था.इसके बाद वैल्वोलिन कमिंस कंपनी द्वारा साईड विजीट किया गया.डीईओ के स्तर से एनओसी प्राप्त कर यह संभव हो हुआ है.सीएसआर यानि कार्पोरेट सोशल रिसपॉसलिटी के अधिकारियों ने बताया कि इस स्कूल के लिए हीं नहीं बल्कि बिहार के अन्य विद्यालयों के लिए यह नया चीज है. इसके लिए शिक्षकों को साल में पांच बार ट्रेनिंग दी जाएगी. सभी शिक्षकों का अलग-अलग पोर्टल बनेगा।बताया कि सिलेबस के अलावा भी कई तरह के जरूरी कंटेंट इसमें शामिल किये गये हैं. फिलहाल दो डिजिटल क्लासरूम की व्यवस्था हुई है. जरूरत पड़ने पर इसे और विस्तारित किया जायेगा. मुस्कान स्कॉलरशिप के मेधावी बच्चों को दी जायेगी सुविधा कंपनी के रीजनल मैनेजर संजीव वर्मा ने बताया कि आगे की कड़ी में मुस्कान स्कॉलरशिप के तहत प्रयत्नशील व मेघावी बच्चो को आर्थिक सुविधा मुहैया करायी जायेगी. इस दौरान ड्राइवरींग शिक्षा, मैकेनिकल, टेक्निकल आदि तरह के शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चो पर विशेष जोर दिया जाएगा.अब गरीब मजदूर किसान व इडब्लूएस कैटेगरी के बच्चे पैसे के अभाव में शिक्षा से वंचित नहीं होंगे. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को चिन्हित कर मुस्कान स्कॉलरशिप में शामिल किया जाएगा. बताया कि इससे पहले उड़ीसा के कुछ स्कूलों में यह व्यवस्था कराई गई है.रीजनल मैनेजर ने बताया कि लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम के तहत इस क्लासरूम को जोड़ा जायेगा. फिलहाल 200 छात्राओं को आईडी पासवर्ड मुहैया कराई जाएगी,ताकि वे घर से भी पढ़ाई कर सकें या फिर वे ऑडियोविज्यूल सुन सकेगें. इसके लिए उनके पास एंड्रॉयड फोन होना जरूरी है. शिक्षकों ने बताया कि अभी स्कूल में 400 से अधिक छात्राएं नामांकित है. उपस्थिति व रुचि के आधार पर उन्हें चिह्नित कर आइडी पासवर्ड दी जायेगी. इनकी रही उपस्थिति मौके पर बीईओ राजनारायण राय,विभिन्न हाईस्कूल के हेडमास्टर डॉ रामकिशोर,मो फैजुल रहमान,राजेश पाठक, धनंजय कुमार,शक्ति कुमार,बीआरपी विकास कुमार विश्वास,एमडीएम प्रभारी प्रभाकर सिंह,शिक्षक नवल किशोर पाठक, संगीता कुमारी, बलराम पासवान, अमित कुमार, नंद कुमार, कुमारी वर्षा, विजेंद्र कुमार, राम इकबाल कुमार, मो. दानिश इकबाल, मुकेश कुमार, अनिल कुमार, लवकुश कुमार, मो मोइनुद्दीन अंसारी, दीपक कुमार, सहदेव कुमार, अर्चना कुमारी, कविता कुमारी, निर्मला सिंह समेत अजय राम व युगल सिंह, वैल्वोलिन कमिंस ट्रेटरी मैनेजर राकेश कुमार सिंह व बिहार के डिस्टब्यूटर आदित्य कुमार आदि थे.

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