दहेज के लिए मां-बेटी की हत्या मामले में कोर्ट ने सुनायी सजा, सास-ससुर, देवर सहित पति को आजीवन कारावास

26 नवंबर 2019 की रात को विवाहिता आरती कुमारी और उसकी डेढ़ साल की बेटी की हत्या ससुरालवालों ने कर दी थी. उसका पति, देवर और सास-ससुर उसकी हत्या में शामिल थे.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2022 2:59 PM

औरंगाबाद. सोने की चेन और एक लाख रुपये दहेज नहीं मिलने पर महिला और उसकी बेटी की निर्मम हत्या के मामले में कोर्ट ने सजा सुना दी है. कोर्ट ने आरोपी पति, देवर और सास-ससुर को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इसके साथ ही दस हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के जिला जज मनोज कुमार तिवारी ने कुटुंबा थाना कांड संख्या 140/19 में सुनवाई करते हुए यह सजा सुनायी है. दो साल पहले मृतका के भाई ने इन दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

भाई ने पुलिस को बताया कि सोने की चेन और एक लाख रुपए के लिए पति और ससुरालवाले आरती को हमेशा प्रताड़ित किया करते थे. मांग पूरी नहीं होने पर उसे अक्सर मारा पीटा करते थे. उसे शारिरीक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया करते थे. इसकी मांग बार-बार की जा रही थी. जिसे पूरा करने में विवाहिता के मायकेवाले असमर्थ थे, लेकिन ससुराल पक्ष के लोग मजबुरी समझने को तैयार नहीं थे.

जानकारी के अनुसार 26 नवंबर 2019 की रात को विवाहिता आरती कुमारी और उसकी डेढ़ साल की बेटी की हत्या ससुरालवालों ने कर दी थी. उसका पति, देवर और सास-ससुर उसकी हत्या में शामिल थे. शादी के ढाई साल बाद इस घटना को ससुराल के लोगों ने अंजाम दिया था. दोषियों ने इस दौरान डेढ़ साल की बच्ची को भी नहीं छोड़ा.

घटना के बाद खुदवां थाना क्षेत्र के मदुआ गांव की रहने वाले मृतका के भाई अमरेश कुमार ने कुटुंबा थाने में एफआईआरदर्ज कराया था. उसमें मृतका के पति, सास, ससुर एवं देवर को आरोपित बनाया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन सास-ससुर और देवर जमानत पर बाहर आ गये थे. 2 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद सभी नामजद आरोपियों को 15 फरवरी 2022 को भादंसं धारा 304 बी/ 34 में दोषी करार दिया गया. जिसके बाद सभी को सजा सुनाई गयी.

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