सदर अस्पताल में बनेगा अत्याधुनिक शिशु वार्ड

सुविधा. एक अप्रैल से शुरू होगा काम, खर्च होंगे 20 लाख लेबर वार्ड को भी मिली हरी झंडी आंख, गला व शिशु रोग के डॉक्टर होंगे नियुक्त औरंगाबाद शहर : सदर अस्पताल वैसे, तो कुव्यवस्था को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है,लेकिन अब इसके दिन बदलनेवाले हैं. स्वास्थ्य विभाग व सरकार सदर अस्पताल को लेकर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 26, 2017 3:37 AM

सुविधा. एक अप्रैल से शुरू होगा काम, खर्च होंगे 20 लाख

लेबर वार्ड को भी मिली हरी झंडी
आंख, गला व शिशु रोग के डॉक्टर होंगे नियुक्त
औरंगाबाद शहर : सदर अस्पताल वैसे, तो कुव्यवस्था को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है,लेकिन अब इसके दिन बदलनेवाले हैं. स्वास्थ्य विभाग व सरकार सदर अस्पताल को लेकर गंभीर दिख रही है. इसी का नतीजा है कि अप्रैल में औरंगाबाद के लोगों को खुशियों का सौगात मिलनेवाला है. सबसे अधिक खुशी वैसे मरीजों को होगी, जो आंखों की तकलीफ से परेशान हैं. अपना इलाज कराने दूसरे प्रदेश या दूसरे जिलों में अधिक रुपये खर्च कर जाते हैं. अब उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है. उनकी आंखों का इलाज व आंख से संबंधित हर बीमारियों का ऑपरेशन सदर अस्पताल में ही किया जायेगा.
10 अप्रैल से नयी ओटी में इसकी शुरुआत होगी. प्रसव कराने पहुंचनेवाले मरीजों व उनके परिजनों के साथ होनेवाली परेशानियां अब दूर हो जायेंगी. अस्पताल परिसर में ही नये शिशु वार्ड का निर्माण कार्य एक अप्रैल से प्रारंभ होगा. लेबर रूम के बगल में लगभग 20 लाख की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वातानुकूलित शिशु वार्ड निर्माण की स्वीकृति मिल गयी है .
आंखों के इलाज की भी हुई व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम कुमार मनोज ने बताया कि आंखों के इलाज के लिए व्यवस्था कर ली गयी है. इसकी शुरुआत जल्द होगी. डॉक्टर भी उपलब्ध हो गये हैं. लेबर रूम के ऊपर नये लेबर वार्ड को भी हरी झंडी मिल गयी है. लगभग 25 लाख रुपये की लागत से अप्रैल में ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा.
10 दिनों में मिलेंगे तीन डॉक्टर
सदर अस्पताल में आये दिन हंगामे का दौर चलता है. ओपीडी के समय अक्सर मरीज डॉक्टरों की कमी का आरोप लगा कर हंगामा करते हैं. कई महीनो से सदर अस्पताल डॉक्टरों की कमी का रोना रो रहा है. अस्पताल उपाधीक्षक ने इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों से सरकार के आलाधिकारियों व मंत्री तक का ध्यान आकृष्ट कराया, पर सुनवाई कहीं नहीं हुई. अब ऐसा लग रहा है कि डॉक्टरों की कमी पर विभाग गंभीर है. डीपीएम कुमार मनोज की मानें, तो सदर अस्पताल को आंख, गला व शिशु रोग से संबंधित तीन डॉक्टर 10 दिन के भीतर उपलब्ध हो जायेंगे.

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