पोक्सो एक्ट मामले में अररिया कोर्ट का एतिहासिक फैसला, एक ही दिन में बहस और गवाही के बाद सुना दी सजा

पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक मामले की सुनवाई करते हुए एक ही दिन में गवाहों के बयान लेकर फैसला सुना कर अररिया कोर्ट समूचे देश में एक नजीर पेश की है. यहां की कोर्ट ने एक ही दिन में गवाही, और बहस पूरी करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 26, 2021 4:43 PM

अररिया. पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज एक मामले की सुनवाई करते हुए एक ही दिन में गवाहों के बयान लेकर फैसला सुना कर अररिया कोर्ट समूचे देश में एक नजीर पेश की है. यहां की कोर्ट ने एक ही दिन में गवाही, और बहस पूरी करते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है.

कोर्ट की इस त्वरित न्याय की चर्चा और सराहना हर तरफ हो रही है. पूरे देश में पाक्सो एक्ट में इस तरह की सुनवाई पहली बार हुई है. यह सुनवाई अररिया में पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश शशि कांत राय की अदालत में हुई है.

बताया जाता है कि अररिया के नरपतगंज थाना में 23 जुलाई, 2021 को नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले का अनुसंधान कर रही रीता कुमारी ने आरोपी को गिरफ्तार करते हुए 18 सितंबर को आरोप पत्र दाखिल कर दिया. कोर्ट ने 20 सितंबर को मामले में संज्ञान लेते हुए 24 सितंबर को आरोप गठित कर दिया.

उसके बाद पास्को के विशेष न्यायाधीश शशिकांत राय ने निर्धारित तिथि को सुनवाई करते हुए 10 गवाहों की गवाही सुनी और उसी दिन आरोपी दिलीप यादव को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और 50 हजार जुर्माना की सजा सुना दी. कोर्ट ने सरकार के पीड़िता को 7 लाख की सहयोग क्षतिपूर्ति राशि देने का भी आदेश दिया है.

इस केस का अनुसंधान महिला पुलिस अधिकारी रीता कुमारी कर रही थी, जबकि कोर्ट में लोक अभियोजन के रूप में श्यामलाल यादव ने केस की पैरवी की. कोर्ट द्वारा एक दिन में ही बहस गवाही और सजा का एलान किए जाने के बाद लोक अभियोजक श्यामलाल यादव ने कहा कि उनलोगों ने इस केस मे काफी मेहनत किया है और कोर्ट ने इस तरह का फैसला सुनाकर पूरे देश में एक नजीर पेश की है.

समय से न्याय मिलने से आमलोगो का कोर्ट के प्रति भरोसा और ज्यादा बढेगी. वहीं केस की अनुसंधानकर्ता रीता कुमारी ने कहा कि यह सजा पूरे समाज के लिए एक संदेश है, ताकि कोई भी इस तरह के घृणित कार्य करने के लिए भी नहीं सोचे.

Posted by Ashish Jha

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