मुंह चिढ़ाता स्टेट बोरिंग, किसान परेशान

मुंह चिढ़ाता स्टेट बोरिंग, किसान परेशान फोटो 13 केएसएन 5खराब पड़ा स्टेट बोरिंग -किसानों को अब तक नहीं मिला डीजल अनुदान प्रतिनिधि, कन्हैयाबाड़ीएक तरफ मौसम की मार तो दूसरी तरफ विभागीय उदासीनता़ ऐसे में किसान करे तो क्या करे? अभी खरीफ फसल के रूप में लगे धान को पानी की अति आवश्यकता है खेत भटने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2015 7:57 PM

मुंह चिढ़ाता स्टेट बोरिंग, किसान परेशान फोटो 13 केएसएन 5खराब पड़ा स्टेट बोरिंग -किसानों को अब तक नहीं मिला डीजल अनुदान प्रतिनिधि, कन्हैयाबाड़ीएक तरफ मौसम की मार तो दूसरी तरफ विभागीय उदासीनता़ ऐसे में किसान करे तो क्या करे? अभी खरीफ फसल के रूप में लगे धान को पानी की अति आवश्यकता है खेत भटने के कगार पर है और बालियां सूखने पर. किंतु इंद्रदेवता किसान पर नाराज दिख रहे हैं, तो दूसरी तरफ सरकार द्वारा लगाया गया स्टेट बोरिंग शोभा की वस्तु बना है़ मौके पर मौजूद कमलपुर पंचायत के कृषक मो अताउर रहमान, मो यूसूफ, जमील अख्तर, व हबीब अहमद आदि ने बताया कि ये बोरिंग 2007-08 में बना है जहां ट्रांसफारमर भी है और इसमें विद्युत आपूर्ति भी किंतु बोरिंग अब तक चालू नहीं किया गया है यदि ये बोरिंग चालू अवस्था में होती तो लगभग 250 एकड़ भूमि की सिंचाई आसान होने के साथ साथ सस्ता भी हो जाती़ क्योंकि पम्प सेट से सिंचाई करने पर 100 रुपये प्रति घण्टा की लागत आती है और एक एकड़ भूमि की सिंचाई में 7-8 घंटा का वक्त लगता है़ इस संबंध में विभागीय पदाधिकारियों से बात करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. उधर डीजल अनुदान पर दर्जनों किसान का आरोप है कि किसान के हित में सरकार द्वारा उठाया गया हर कदम व योजना निराशा देने वाली है अगर अभी डीजल अनुदान की राशि मिल जाती तो हमलोग धान में पटवन कर उसके स्थिति में सुधार कर पाते.चुनाव का माहौल भी है सभी राजनैतिक पार्टियां रैली और चुनावी सभा में किसानों के बारे कोई कुछ नहीं बोलते़ वहीं प्रगतिशील कृषक नोनी प्रसाद सिंह, महादेव प्रसाद सिंहा, अशोक मंडल आदि का कहना है कि समय पर किसान के लिए कुछ भी मुहैया नहीं हो सकी है चाहे बीज हो, उर्वरक हो या सरकारी कोई लाभ़ हमारे क्षेत्र के किसान यदि पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल से अपनी आवश्यकता की चीज नहीं लाये तो समय पर खेती कर पाना नामुमकिन हो जायेगा़ कहते हैं बीडीओ इस संबंध में कोचाधामन बीडीओ मृत्युंजय कुमार ने कहा कि डीजल अनुदान हेतु आवेदन के आधार पर ट्रेजरी से लगभग पांच लाख रुपये की मांग की गयी है. राशि आवंटित होते ही लाभुकों के खाते में हस्तांतरित कर दिया जाएगा़

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