गुजिया व कचौड़ियों के स्वाद का लगेगा तड़का

अररिया : होली को लेकर इस बार गुरुवार का दिन निश्चित हुआ है. इसलिए होली का त्योहार कुछ खास होगा. हालांकि मांसाहारी खानों के शौकीनों के लिए यह दिन थोड़ा व्यवधान जरूर उत्पन्न करने वाला है. लेकिन पर्व को लेकर लोगों में उमंग खास है. इसलिए इस बार होली में गुजिया व कचौड़ियों के स्वाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 20, 2019 6:11 AM

अररिया : होली को लेकर इस बार गुरुवार का दिन निश्चित हुआ है. इसलिए होली का त्योहार कुछ खास होगा. हालांकि मांसाहारी खानों के शौकीनों के लिए यह दिन थोड़ा व्यवधान जरूर उत्पन्न करने वाला है.

लेकिन पर्व को लेकर लोगों में उमंग खास है. इसलिए इस बार होली में गुजिया व कचौड़ियों के स्वाद का तड़का भी लगेगा. एक-दूसरे पर गुलाल च गुब्बारों से रंग मारने के सिलसिला अभी से शुरू हो चुका है. इसी के साथ एक-दूसरे को होली की बधाई देने का भी सिलसिला शुरू हो चुका है. सोशल मीडिया पर हैपी होली, रंगों की होली आदि मैसेज पहुंचने शुरू हो गये हैं. इस बार 21 मार्च को पूरे देश में होली पर्व मनायी जायेगी.
लेकिन सरकारी छुट्टी 21 व 22 तारिख को तय की गयी है. सभी स्थानों वर 20 मार्च को होलिका दहन किया जायेगा. इसे लोग छोटी होली व होली पक भी कहते हैं. होली को लेकर बाजारों में पुचकारी व बैलुन की बिक्री भी परवान पर है. जगह-जगह होली के गीत व फगुआ की फुहड्ड भी शुरू हो चुकी है.
होली का महत्व : दशहरे की तरह होली भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक पर्व माना जाता है. हालांकि होली से जुड़ी एक या दो नहीं अनेकों कथाएं प्रचलित हैं. जिसने आज भी कई लोग अंजान हैं. क्योंकि भारत में सबसे प्रसिद्ध राधा-कृष्ण की होली है. जो हर साल वृंदावन व बरसाने में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है
. लेकिन राधा रानी व कृष्ण जी की होली के अलावा भी इस पर्व से जुड़ी कई कथाएं हैं. इनमें विष्णु भक्त प्रह्लाल व हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के दहन को खास माना जाता है. होली से पहले होलिक दहन के दिन पवित्र अग्नि जलाई जाती है. जिसमें सभी प्रकार के बुराई, अहंकार व नाकारात्मकता को जलाया जाता है.

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