दरभंगा एयरपोर्ट पर अब मैथिली में भी उद्घोषणा, जानें अपनी भाषा सुन क्या बोले यात्री

रेलवे स्टेशन की तरह अब एयरपोर्ट पर भी आपको मैथिली सुनने को मिलेगा. दरभंगा एयरपोर्ट से इसकी शुरुआत हुई है. दरभंगा एयरपोर्ट मैथिली भाषा में उद्घोषणा करनेवाला देश का पहला एयरपोर्ट बन गया है. जो जानकारी पहले हिंदी और इंग्लिश में दी जाती थी, अब मैथिली मैं भी दी जाने लगी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 17, 2022 8:24 AM

दरभंगा. रेलवे स्टेशन की तरह अब एयरपोर्ट पर भी आपको मैथिली सुनने को मिलेगा. दरभंगा एयरपोर्ट से इसकी शुरुआत हुई है. दरभंगा एयरपोर्ट मैथिली भाषा में उद्घोषणा करनेवाला देश का पहला एयरपोर्ट बन गया है. दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों के आने वाले जाने के लिए जो जानकारी पहले हिंदी और इंग्लिश में दी जाती थी, अब मैथिली मैं भी दी जाने लगी है.

लोगों ने किया स्वागत

सोमवार से फ्लाइट के मूवमेंट एवं अन्य गतिविधि की घोषणा मैथिली भाषा में की जाने लगी है. इस नयी पहल का लोगों ने स्वागत किया है. स्थानीय भाषा को तवज्जों देने की मांग स्थानीय स्तर पर काफी दिनों से की जा रही थी. केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई देते हुए दरभंगा के सांसद गोपालजी ठाकुर ने नरेंद्र मोदी की सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया है.

पटना एयरपोर्ट पर भी मैथिली में उद्घोषणा की रखी मांग

सोमवार को दरभंगा पर पहुंचे यात्रियों ने मैथिली भाषा में उद्घोषणा सुन कर कहा कि काफी खुशी और गर्भ महसूस हो रहा है. दरभंगा एयरपोर्ट पर मैथिली भाषा में उद्घोषणा शुरू होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कई लोगों ने कहा कि मैथिली बिहार की एक मात्र संवैधानिक भाषा है. ऐसे में पटना एयरपोर्ट पर भी इस भाषा में उद्घोषणा होनी चाहिए, क्योंकि बड़ी संख्या में मैथिल भाषी वहां से आवाजाही करते हैं.

लोगों ने सुविधा की कमी को भी दूर करने की बात कही

चुनाव आयोग के ब्रांड एम्बेंसडर मणिकांत झा समेत कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस सूचना को शेयर किया है. कुछ लोगों ने दरभंगा एयरपोर्ट पर सुविधा बढ़ाये जाने की भी मांग की है. लोगों का कहना है कि उड़ान योजना के तहत देश में अव्वल रहा दरभंगा एयरपोर्ट पर सुविधाओं का घोर अभाव है. पैसे देने के बावजूद यात्रियों को बेहतर सेवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. पिछले दिनों बेंगलुरु की फ्लाइट में क्षतिग्रस्त सीट को लेकर काफी हंगामा हुआ था. लाख दावों के बाद भी अब तक एयरपोर्ट का सड़क से सीधा संपर्क नहीं हो पाया है, जिसके कारण यात्रियों को इस कड़ी धूप में काफी चल कर टर्मिनल तक पहुंचना पड़ रहा है.

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