लोस चुनाव से पहले नीतीश बनायेंगे समान विचार वाले दलों का मोर्चा

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले समान विचारों वाले दलों का गंठबंधन बनाने का संकेत दिया लेकिन इसे तीसरा या चौथा मोर्चा कहने से इनकार किया.... बिहार नवोन्मेष मंच के समारोह से इतर नीतीश ने संवाददाताओं से कहा, संसद में भविष्य में समान विचारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2014 10:36 AM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले समान विचारों वाले दलों का गंठबंधन बनाने का संकेत दिया लेकिन इसे तीसरा या चौथा मोर्चा कहने से इनकार किया.

बिहार नवोन्मेष मंच के समारोह से इतर नीतीश ने संवाददाताओं से कहा, संसद में भविष्य में समान विचारों की कई पार्टियों का ब्लाक बनने की संभावना है. उन्होंने कहा, वाममोर्चा के नेताओं ने यह पहल की है और जदयू इनका समर्थन कर रही है.

वाममोर्चा ने विभिन्न राज्यों में अलग अलग दलों के साथ सीटों पर तालमेल किया है.उन्होंने हालांकि प्रस्तावित गुट को तीसरा मोर्चा या चौथा मोर्चा करने से इनकार किया.नीतीश ने कहा कि पूर्ववर्ती जनता दल के कई दल इस बारे में एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं.

नीतीश ने कहा कि इनके एक दूसरे के साथ संघ बनाने की संभावना है लेकिन स्पष्ट किया कि विलय के बारे में बात नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्तूबर में दिल्ली में सम्प्रदायिकता विरोधी ताकतों के सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि इन्हें एकजुट करने के प्रयास किये जा रहे हैं.

जदयू के वरिष्ठ नेता ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया लेकिन खबरों में यह बात कही जा रही है कि समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल, जदयू, जद एस और वामदल इस पहल में शामिल हैं. बिहार के राजनीतिक गलियारे में ऐसी चर्चा है कि जदयू, भाकपा और माकपा से गठजोड़ कर सकती है.

भाकपा और माकपा के प्रति जदयू के झुकाव के कारण भाकपा माले कर वाममोर्चा को एकजुट करने का प्रयास सफल नहीं हो पाया. माकपा और भाकपा बिहार में राजद, कांग्रेस और लोजपा के संभावित धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का हिस्सा नहीं है.नीतीश कुमार पूर्व में फेडरल फ्रंट की वकालत करते रहे हैं.