सहरसा व पश्चिम बंगाल के गिरोह को बेचते थे वाहन

पकड़े गये पांचों वाहन लुटेरों ने पुलिस के समक्ष किया खुलासा पटना : श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र में 14 मई को हुए जदयू नेता मुजफ्फर आलम की स्कॉर्पियों गाड़ी की लूट के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने वाहन लूट करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने तीन अपराधियों को पटना के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 18, 2019 2:55 AM

पकड़े गये पांचों वाहन लुटेरों ने पुलिस के समक्ष किया खुलासा

पटना : श्रीकृष्णापुरी थाना क्षेत्र में 14 मई को हुए जदयू नेता मुजफ्फर आलम की स्कॉर्पियों गाड़ी की लूट के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने वाहन लूट करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने तीन अपराधियों को पटना के फुलवारीशरीफ से दो को सहरसा से पकड़ने में सफलता पायी.
पकड़े गये अपराधियों में मो मेराज उर्फ रिंकू (खलीलपुरा, फुलवारीशरीफ), मो मेराज उर्फ मुन्ना (इसोपुर, फुलवारीशरीफ), पंकज कुमार (हटियागाछी, वार्ड नंबर 32, सहरसा), बबलू कुमार (हटियागाछी, सहरसा) व फिरोज (मुर्गियाचक, जानीपुर) शामिल हैं. इन लोगों के पास से एक देशी पिस्टल, एक कारबाइन, एक मैगजीन, 18 कारतूस, एक स्विफ्ट डिजायर, एक स्कॉर्पियों, एक इनोवा कार व एक होंडा सिटी कार बरामद किया गया है. बरामद वाहन पटना जिले के ही विभिन्न थाना क्षेत्र से पिछले दिनों लूटे गये थे. स्कॉर्पियों गाड़ी जदयू नेता मुजफ्फर आलम से लूटी गयी थी.
जबकि होंडा सिटी कार गांधी मैदान, इनोवा कार दानापुर से और स्विफ्ट डिजायर कार एयरपोर्ट इलाके से अपराधियों ने लूटी थी. इसके अलावा गिरोह ने रूपसपुर, राजीव नगर, कंकड़बाग, दीघा, पाटलिपुत्र, शास्त्रीनगर, कोतवाली आदि थाना क्षेत्रों में भी वाहन लूट व चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था. कारबाइन के संबंध में अपराधियों ने केवल यह जानकारी दी है कि उन लोगों ने डेढ़ लाख रुपये में एक अपराधी से खरीदी थी. पुलिस को उसके नाम की भी जानकारी दी है और पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है.
उक्त कारबाइन पुलिस की है या मुंगेर निर्मित है, इस संबंध में फिलहाल जांच की जा रही है. इसके साथ ही चार और वाहनों का भी लोकेशन पुलिस को मिला है और उसे भी बरामद करने का प्रयास किया जा रहा है. एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि इस गिरोह द्वारा पटना जिला में कई वाहन लूट की घटना को अंजाम दिया गया है. वाहन की लूट करने के बाद उसे सहरसा व पश्चिम बंगाल के गिरोह को बिक्री कर देते थे.

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