शुभमन गिल को युवराज सिंह ने ‘तराशा’, अब विश्व कप में बल्ले से उगल रहे आग

भारत के पूर्व दिग्गज हरफनमौला युवराज सिंह पेशेवर कोच नहीं है लेकिन पंजाब टीम के कई युवा खिलाड़ी उनके योगदान की सराहना करते हैं. युवराज के मार्गदर्शन का फायदा उठाने वालों में उभरते हुए सितारे शुभमन गिल भी हैं. गिल की प्रतिभा पर कभी कोई संदेह नहीं था.

By ArbindKumar Mishra | November 4, 2023 9:01 AM
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वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी शुभमन गिल शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. डेंगू की वजह से शुरुआत दो मैच नहीं खेल पाने के बाद उन्होंने टीम में धमेदार एंट्री की है. उनके बल्ले से लगातार रन बरस रहे हैं. उनके प्रदर्शन के पीछे वर्ल्ड कप विजेता टीम के एक दिग्गज खिलाड़ी का हाथ है. वो नाम है युवराज सिंह.

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भारत के पूर्व दिग्गज हरफनमौला युवराज सिंह पेशेवर कोच नहीं है लेकिन पंजाब टीम के कई युवा खिलाड़ी उनके योगदान की सराहना करते हैं. युवराज के मार्गदर्शन का फायदा उठाने वालों में उभरते हुए सितारे शुभमन गिल भी हैं. गिल की प्रतिभा पर कभी कोई संदेह नहीं था, लेकिन उनके खेल में उस वक्त और सुधार आया जब युवराज ने उन्हें और तीन अन्य खिलाड़ियों को एक महीने के प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया. यह सब कोविड-19 से जुड़े लॉकडाउन के दौरान हुआ.

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गिल, अभिषेक शर्मा, अनमोलप्रीत सिंह और प्रभसिमरन सिंह ने युवराज के साथ पांच सप्ताह बिताए. इस दौरान आयोजित प्रशिक्षण सत्रों ने खेल के प्रति उनका दृष्टिकोण बदल दिया. पिछले कुछ सत्र से घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे अभिषेक ने कहा, शुभमन उससे पहले ही भारत के लिए खेल चुके थे, लेकिन जैसा कि आप लोग कहते हैं, उन्होंने उस समय सभी प्रारूपों में अपनी जगह पक्की नहीं की थी. शुभमन को उस शिविर के बाद काफी सफलता मिली.

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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट में दो शतक लगा चुके इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, शुभमन को ही नहीं , मुझे भी इसका काफी फायदा हुआ. घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा हुआ.

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गिल ने जहां इस खेल के वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनायी, वहीं पिछले कुछ सत्र से अभिषेक ने पंजाब और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए दमदार प्रदर्शन किया. प्रभसिमरन हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. अभिषेक का मानना है कि युवराज के घर पर करीब 35 दिन रहने से खेल के प्रति उनका नजरिया बदल गया.

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उन्होंने उस समय को याद करते हुए कहा, सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, बल्कि हम सभी के लिए वह जीवन बदलने वाला क्षण था. उस समय कोविड-19 अपने चरम पर था. यह एक बंद दरवाजे वाला शिविर जैसा था.

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उन्होंने कहा, युवराज सिंह ने एक गुरु और बड़े भाई के रूप में हम सभी की मदद की. पिछले दो-तीन वर्षों में, युवी पाजी ने हमें कुछ चीजें सिखाई हैं. जब आपको उनके जैसे खिलाड़ी का सानिध्य मिलता है तो इससे मैदान के अंदर और बाहर बहुत फर्क पड़ता है. वह ऐसे व्यक्ति हैं जो आपको शीर्ष स्तर के खेल की बारीकियां सिखाते हैं.

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अभिषेक ने बताया कि युवराज की देखरेख में प्रशिक्षण के खाका को प्रिंट कर के हमें दिया जाता था. यह वैसा ही था जैसा कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी या राज्य इकाई के शिविर में होता है. उन्होंने कहा कि दिन में अभ्यास और प्रशिक्षण सत्र के बाद वह सभी शाम को अपने वीडियो देखते थे और उसके विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते थे. अभिषेक ने कहा, शाम को, हम सब उसके कमरे में बैठते थे. वहां एक होम थिएटर है, जहां हम अपने-अपने वीडियो देखते थे, खेल का विश्लेषण करते थे और चर्चा करते थे.

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अभिषेक से जब पूछा गया कि क्या युवराज अपने पिता योगराज सिंह की तरह सख्त है तो उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि वह दोनों का मिश्रण था. अगर प्रशिक्षण सत्र सही नहीं हुआ तो वह गुस्सा हो जाते थे और आपको डांटते थे. लेकिन योग सर जैसे सख्त व्यक्ति की देखरेख में क्रिकेट सीखने के बाद वह संतुलन को समझते हैं. उन्होंने कहा, अगर उनको लगता था कि कुछ ज्यादा हो गया तो वह मना भी लेते थे.

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