एशियाई खेलों में भारत को कांस्य पदक दिलाने वाले फुटबॉलर सुभाष भौमिक का निधन, करियर में दागे 165 गोल

पूर्व भारतीय मिडफील्डर भौमिक 1970 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के सदस्य थे. उन्होंने एशियाई खेल 1974 में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2022 5:01 PM

भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉलर और मशहूर कोच सुभाष भौमिक (Subhash Bhowmik) का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 72 वर्ष के थे. उन्होंने सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली.

भौमिक 1970 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के थे सदस्य

पूर्व भारतीय मिडफील्डर भौमिक 1970 में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के सदस्य थे. उन्होंने एशियाई खेल 1974 में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था. भौमिक ने भारत की तरफ से 24 मैच खेले जिनमें नौ गोल किये. इनमें 1971 में मर्डेका कप में फिलीपीन्स के खिलाफ बनायी गयी हैट्रिक भी शामिल है. इसके अलावा उन्होंने एशियाई खेलों में भी गोल किये.

Also Read: Football Championship: झारखंड की ये महिला फुटबॉलर भारत को बनाएंगी चैंपियन, राज्य की पांच खिलाड़ी टीम का हिस्सा

किडनी की समस्या से ग्रसित थे भौमिक, तीन महीने से थे डायलिसिस पर

सुभाष भौमिक लंबे समय से गुर्दे के रोग और मधुमेह से पीड़ित थे और उनके परिवार में पत्नी, पुत्र और पुत्री है. वह पिछले लगभग साढ़े तीन महीने से नियमित रूप से डायलिसिस से गुजर रहे थे. करीब 23 साल पहले उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी. हाल में उन्हें छाती में संक्रमण के कारण इकबालपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

ईस्ट बंगाल के सबसे सफल कोच रहे सुभाष भौमिक

भौमिक ने संन्यास लेने के बाद कोचिंग में अपना करियर आगे बढ़ाया. वह पहले मोहन बागान के साथ कोच के रूप में जुड़े और फिर ईस्ट बंगाल के सबसे सफल कोच बने. उनके कोच रहते हुए ईस्ट बंगाल ने 2003 में आसियान कप का खिताब जीता था. भौमिक के मार्गदर्शन में ईस्ट बंगाल ने राष्ट्रीय लीग के खिताब जीते. इसके बाद वह जब तकनीकी निदेशक के रूप में चर्चिल ब्रदर्स से जुड़े तो उन्होंने यही सफलता इस टीम के साथ भी दोहरायी.

एक दशक तक राष्ट्रीय फुटबॉल में सुभाष भौमिक का रहा दबदबा

सुभाष भौमिक 1990 में ढाका में खेले गये गोल्ड कप टूर्नामेंट में भारतीय टीम के कोच भी रहे थे. भौमिक ने 19 साल की उम्र में राजस्थान क्लब से अपने करियर की शुरुआत की. इस राइट विंगर ने ड्रिबलिंग ने अपने कौशल के कारण एक दशक तक राष्ट्रीय फुटबॉल में अपना दबदबा बनाये रखा. ईस्ट बंगाल में एक सत्र बिताने के बाद भौमिक मोहन बागान से जुड़ गये थे जहां उन्होंने तीन साल बिताये. इसके बाद वह फिर से ईस्ट बंगाल से जुड़ गये थे. भारत की तरफ से खेलते हुए भी उन्होंने कुछ विशेष उपलब्धियां हासिल की.

भौमिक ने ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की तरफ से कुल 165 गोल किये

भौमिक को क्लब स्तर पर उनके शानदार प्रदर्शन ने अधिक प्रसिद्धि दिलायी. उन्होंने ईस्ट बंगाल और मोहन बागान की तरफ से कुल 165 गोल किये. उन्होंने 1975 में आईएफए शील्ड के फाइनल में ईस्ट बंगाल की मोहन बागान पर 5-0 से जीत में अहम भूमिका निभायी थी. उन्होंने 1977 में मोहन बागान की तरफ से पेले की न्यूयार्क वोसमोस के खिलाफ भी मैच खेला था. उनका करियर विवादों से भी घिरा रहा क्योंकि 2005 में रिश्वत के मामले में दोषी पाये जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था.

Next Article

Exit mobile version