रणजी ट्रॉफी : सेमीफाइनल में झारखंड का सामना गुजरात से
नागपुर : रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र में सर्वाधिक रन बनाने वाले गुजरात के प्रियांक पांचाल और सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले झारखंड के शाहबाज नदीम कल से यहां शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में जब आमने सामने होंगे तो रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है.... दोनों टीमों को पारंपरिक रुप से प्रबल […]
नागपुर : रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र में सर्वाधिक रन बनाने वाले गुजरात के प्रियांक पांचाल और सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले झारखंड के शाहबाज नदीम कल से यहां शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में जब आमने सामने होंगे तो रोमांचक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है.
दोनों टीमों को पारंपरिक रुप से प्रबल दावेदार नहीं माना जाता लेकिन मौजूद सत्र में तटस्थ स्थानों पर अपने प्रतिभावान खिलाडियों के लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत इन्होंने अंतिम चार में जगह बनाई. गुजरात के लिए मौजूदा सत्र में पांचाल ने 1100 से अधिक रन बनाए हैं. सलामी बल्लेबाज समित गोहेल ने भी पिछले मैच में विश्व रिकार्ड 359 रन की पारी खेली.
इसके अलावा विकेटकीपर कप्तान पार्थिव पटेल की मौजूदगी से भी गुजरात की टीम को मजबूती मिलेगी. पार्थिव को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 10000 रन पूरे करने के लिए 400 से भी कम रन चाहिए. टीम को हालांकि बायें हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल की कमी खलेगी जो अंगुली के ऑपरेशन के कारण नहीं खेल पाएंगे. यार्कर विशेषज्ञ जसप्रीत बुमराह हालांकि एक बार फिर टीम के लिए अहम हथियार साबित हो सकते हैं. बुमराह को इस मैच के जरिये इंग्लैंड के खिलाफ आगामी एकदिवसीय श्रृंखला की तैयारी करने का मौका भी मिलेगा.
झारखंड की उम्मीदें हालांकि काफी हद तक इस पर निर्भर करेंगी कि जामथा की पिच पर बायें हाथ के स्पिनर नदीम कैसी गेंदबाजी करते हैं जो श्रृंखला में अब तक 50 विकेट चटका चुके हैं. उन्हें राहुल शुक्ला का अच्छा साथ मिला है.
झारखंड की बल्लेबाजी काफी हद तक बायें हाथ के युवा इशान किशन पर निर्भर करेगी जो 719 रन के साथ मौजूदा सत्र में टीम के सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं. उन्होंने दिल्ली के खिलाफ 273 रन की पारी भी खेली थी. उन्हें अब तक सौरभ तिवारी और इशांक जग्गी जैसे अनुभवी खिलाडियों का अच्छा साथ मिला है जबकि युवा विराट सिंह भी गुजरात के गेंदबाजों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं. झारखंड की सफलता में हालांकि भारत की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की मेंटर और रणनीतिकार के रुप में भूमिका अहम रही है.
